दिल्ली पुलिस के वार्ताकार संजय सिंह को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ़्तार किया गया है, यह खबर देश के राजनीतिक मांचक में एक नया मोड़ है। संजय सिंह के मीडिया मैनेजर ने इस खबर की पुष्टि की है कि उनकी गिरफ़्तारी का कारण दिल्ली की आबकारी नीति में हुई कथित घोटाला है। इस बारे में और गहराई से जानकारी निकलने का प्रयास किया जा रहा है।
संजय सिंह के पिता दिनेश और मां राधिका सिंह ने इसके संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया दी है। दिनेश सिंह ने कहा, “मैंने उनसे (संजय सिंह) कहा है कि वो घबराने की बजाय जेल जाएं। ईडी को कोई सबूत नहीं मिला, लेकिन उन्हें गिरफ़्तार करने का आदेश था, उन्होंने गिरफ़्तार कर लिया।” उनकी मां राधिका सिंह ने भी इस मामले में अपने बेटे का साथ दिया और कहा, “मेरे बेटे ने जाने के समय हमें यह संदेश दिया है कि वो निर्भीक और हिम्मतवान हैं, और वो जल्द ही लौटेंगे।”
इस गिरफ़्तारी के बाद, आम आदमी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी संजय सिंह के एक बयान को साझा किया है, जिसमें संजय सिंह ने कहा, “मरना मंजूर है, डरना मंजूर नहीं।”
यह गिरफ़्तारी दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ़्तारी के बाद हुई है, जिन्हें एक अन्य घोटाले के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था, लेकिन वे फिलहाल जमानत पर हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संजय सिंह की गिरफ़्तारी को ‘ग़ैरक़ानूनी’ बताया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि ‘सच छुप नहीं सकता।’
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का केस भी इसके संदर्भ में है, और वे पहले से ही जेल में हैं। सिसोदिया को भी कथित घोटाले के मामले में जमानत पर रिहा किया गया है।