तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ हाल ही में एक व्यवसायी ने संसदीय समिति को एक हलफ़नामा भेजा है, जिसमें उन्होंने गंभीर आरोप लगाए हैं। महुआ मोइत्रा का नाम पिछले कुछ दिनों से मीडिया में काफी विवादों में घिरा हुआ है।
इस मामले की शुरुआत इस बात से हुई कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाए कि वे हीरानंदानी समूह के सीईओ दर्शन हीरानंदानी से पैसे और महंगे तोहफ़े लेकर संसद में सवाल पूछती हैं, और उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से महुआ मोइत्रा को निलंबित करने की मांग की।
इस मामले में और भी गरमी आ गई जब संसद की एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने एक टीवी चैनल के साथ की एक्सक्लूसिव बातचीत में खुलासा किया कि उन्हें “दर्शन हीरानंदानी की तरफ़ से एक हलफ़नामा” मिला है, और वह महुआ मोइत्रा की जांच की मांग कर सकते हैं।
हालांकि, महुआ मोइत्रा ने इन आरोपों को खारिज किया है और उन्होंने इसे झूठा बताया है। उन्होंने कहा है कि वे इन आरोपों का जवाब जाँच समिति को देंगी। बीबीसी ने महुआ मोइत्रा से इस मामले पर उनकी राय जानने के लिए संपर्क किया, लेकिन उन्होंने इस पर टिप्पणी नहीं की।