वाघ बकरी चाय के मालिक पराग देसाई की मौत के बाद, गुजरात में आवारा कुत्तों के मामले पर बहस बढ़ रही है। इसी बीच, सूरत में एक अजीब घोटाला सामने आया है। एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि सूरत नगर निगम ने केवल 2754 आवारा कुत्तों की गिनती की है, लेकिन उन्होंने 30 हजार कुत्तों को कब्जे में लिया है। इस आश्चर्यजनक खुलासे का पर्दाफाश सूरत के आरटीआई एक्टिविस्ट संजय इझावा (Sanjay Ezhava) की आरटीआई के उत्तराधिकारी हुआ है। हाल के दिनों में अहमदाबाद में एक घातक हमले के बाद बगी बकरी के मालिक पराग देसाई की मौत हुई, हालांकि अहमदाबाद नगर निगम (AMC) ने कुत्तों की वजह से मौत की बात को खारिज किया है।
आरटीआई के जवाब में पशु पालन विभाग ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि 2754 आवारा कुत्ते हैं। सूरत नगर निगम का दावा है कि उन्होंने पिछले पांच वर्षों में 33,761 कुत्तों को कब्जे में लिया है। इसमें से 30,300 कुत्तों का टीकाकरण और नसबंदी की गई है। नगर निगम ने बताया है कि इसके लिए 3.28 करोड़ रुपये का खर्च किया गया है। इसका मतलब है कि प्रति कुत्ते पर 11,931 रुपये का खर्च हुआ है। आवारा कुत्तों को पकड़कर उन्हें बंधकरण और टीकाकरण का काम नगर निगम द्वारा किया जाता है। सूरत जिले में एक औसतन 50-70 कुत्तों के काटने के मामले सामने आते हैं।