केरल के एर्नाकुलम जिले के कलामासेरी में रविवार को धमाका हो गया, जिसने जमरा इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्जिबिशन सेंटर को अपने प्रभाव में लिया। धमाके के इंटेंसिटी इतनी अधिक थी कि कन्वेंशन सेंटर में आग लग गई और कुर्सियां यहां-वहां बिखर गई। इस घटना में तीन धमाके हुए हैं और वर्तमान में केरल पुलिस के साथ ही NIA (राष्ट्रीय जासूसी एजेंसी) द्वारा भी जांच की जा रही है, साथ ही NSG (नेशनल स्पेशल गार्ड) की टीम भी इस मामले की जांच के लिए आ रही है।
जानकारी के अनुसार, धमाका बहुत प्लानिंग के साथ हुआ था और इसे बहुत पहले से तैयारी के साथ किया गया था। IED (Improvised Explosive Device) नामक विस्फोटक डिवाइस का उपयोग किया गया था और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इसके लिए बम को टिफिन बॉक्स में छिपाकर लाया गया था। सूत्रों के मुताबिक, इस धमाके के पीछे पूरी योजना थी और यह घटना अच्छे से प्लान की गई थी। केरल के पुलिस के मुताबिक, इस घटना में IED का उपयोग किया गया था, जो केरल पुलिस की प्रारंभिक जांच से पता चला है।
केरल के विपक्षी नेता और राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष वीडी सतीसन ने मीडिया को बताया कि कन्वेंशन सेंटर में दो विस्फोट हुए, जिसके बाद आग लग गई। इस धमाके के कारण एक महिला की मौत हो गई और 37 लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। अस्पताल में भर्ती लोगों में कम से कम छह मरीजों की हालत गंभीर है।
IED का फुल फॉर्म Improvised Explosive Device होता है, और यह ऐसी डिवाइस होती है जिसे पहले से तैयार किसी वस्तु को इम्प्रोवाइज़ कर बनाया जाता है। इसका उपयोग आतंकवादियों से लेकर नक्सलियों तक धमाका करने के लिए किया जाता है और टिफिन बॉक्स से लेकर गैस सिलेंडर तक अलग-अलग प्रकार के सामान का उपयोग IED बनाने में किया जाता है। इन्हें प्लांट करना आसान होता है क्योंकि ये दिखने में आम सामान की तरह होते हैं। IED की शक्ति और इसमें उपयोग किए गए विस्फोटक