कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल ही में इजरायल पर हुए हमलों पर अपनी राय दी है, जिसमें उन्होंने इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के रवैये का समर्थन किया है. सोनिया गांधी ने कहा, ‘इजरायल पर क्रूर हमलों से हम सामूहिक रूप से दुखी हुए थे. अब हम सभी इजराइल की असंगत और समान रूप से क्रूर प्रतिक्रिया से दुखी हो गए हैं. हमारी सामूहिक अंतरात्मा के जागने से पहले और कितनी जानें जाएंगी?’
इसके पीछे का संदर्भ है, कि कांग्रेस ने संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा लाए गए प्रस्ताव के वोटिंग के दौरान भारत के गैर-हाजिर रहने का कड़ा विरोध किया था. इस प्रस्ताव के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र संघ ने इजरायल और हमास के बीच कल रहे युद्ध को रोकने का प्रयास किया था. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने इस प्रस्ताव को नकारा दिया और इसे निंदा की. सोनिया गांधी ने लिखा, “कांग्रेस वोटिंग के दौरान भारत के गैर-हाजिर रहने का कड़ा विरोध करती है, इजरायल फिलिस्तीन के उन लोगों से उस हमले के लिए बदला ले रहा है, जिससे उनका कोई मतलब नहीं है. उनने गाजा पट्टी को डेढ़ दशक से खुला जेल बना दिया है। यह ऐसा समय है, जब मानवता की परीक्षा हो रही है.”
सोनिया गांधी ने इस लेख में हमास के आतंकियों द्वारा इजरायल पर किए गए हमलों की भी निंदा की है. साथ ही, उन्होंने इस त्रासदी के पीछे की यह बात भी कही है कि इजरायल उस आबादी के खिलाफ कठिनाइयों डाल रहा है जो काफी हद तक असहाय होने के साथ-साथ निर्दोष भी है. उनकी पार्टी का दिन-प्रतिदिन यह रवैया दिखाती है कि इजरायल के साथ सह-अस्तित्व में एक संप्रभु, स्वतंत्र और सुरक्षित फिलिस्तीन राष्ट्र के लिए सीधी बातचीत होनी चाहिए. सोनिया गांधी ने कहा कि मानवता अब इम्तिहान के दौर से गुजर रही है.