मणिपुर सरकार ने फिर से इंटरनेट को पाबंद कर दिया है, इस बार घाटी क्षेत्र में अगले पांच दिनों के लिए। गृह विभाग ने इस कदम को सामाजिक तनाव कम करने का एक प्रयास के रूप में पेश किया है, क्योंकि इंटरनेट का उपयोग असामाजिक तत्वों के द्वारा फैली भावनाओं को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किया जा रहा है। इसके द्वारा, सरकार कानून व्यवस्था की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने हाल ही में सरकार की योजना का संकेत दिया है कि वह इंटरनेट प्रतिबंध को अगले कुछ दिनों में दोबारा वापस लेने का विचार करेंगे, लेकिन इससे पहले राज्य ने इस प्रतिबंध को पहले से अधिक दिनों के लिए बढ़ा दिया है।
मणिपुर में इंटरनेट प्रतिबंध का इतिहास देखने पर हम देखते हैं कि सरकार ने स्थिति को देखते हुए 23 सितंबर को इंटरनेट को पुनः चालने दिया था, लेकिन इसके बाद ही सोशल मीडिया पर एक लड़की के शव सहित दो युवकों की तस्वीरें वायरल हो गईं, जिसके बाद फिर से हिंसा की खबरें आईं। इस समस्या को देखते हुए, 26 सितंबर से मोबाइल इंटरनेट डेटा सेवाओं को पुनः प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके बाद से यह सिलसिला जारी है, और सरकार ने सुरक्षा के मामले में सतर्क रहने का फैसला किया है।