बिहार में जातिगत जनगणना की रिपोर्ट सारे देश में हलचल मचा दी है, जिसके चलते राहुल गांधी समेत कई बड़े नेता इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं। इसके बावजूद भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अब तक इस पर चुप्पी बनाए हुए थे। इस संदर्भ में, गृहमंत्री अमित शाह ने पहली बार जातिगत जनगणना के मुद्दे पर बयान दिया है और जल्द ही सभी नेताओं के साथ इस पर चर्चा करने की बात कही है।
अमित शाह ने रायपुर में भाजपा के घोषणा पत्र के माध्यम से इस मुद्दे पर अपना स्टैंड साफ किया। उन्होंने कहा कि भाजपा जातिगत जनगणना के खिलाफ नहीं है, लेकिन वोटों की राजनीति नहीं करती। वे जल्द ही सभी से मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और उचित निर्णय लेंगे। उन्होंने चुनावी माहौल में इस विषय पर निर्णय लेने की बात को ठीक नहीं माना और सोच-समझकर निर्णय लेने की जरूरत बताई है।
बिहार में पहली बार इस तरह की जातिगत जनगणना की रिपोर्ट आई है और इसके बाद देश के कई नेताओं ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखी है। हाल ही में कांग्रेस की वर्किंग कमेटी बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी, जिसमें राहुल गांधी ने भी जातिगत जनगणना की मांग की थी। उन्होंने पीएम मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए काम नहीं कर रहे हैं।