पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई में पुतिन देंगे साथ ! भारत को पहली सफलता

उड़ी में आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने की दिशा में भारत को पहली बड़ी कामयाबी मिली है. पाकिस्तान को सबसे बड़ा झटका रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की तरफ से लगा है. पुतिन ने साफ कह दिया है कि अब रूस पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह के सैन्य अभ्यास में भाग नहीं लेगा. पीओके में रूस और पाकिस्तान के बीच अगले महीने सैन्य अभ्यास होना था. लेकिन अब ये सैन्य अभ्यास नहीं होगा.  इसके साथ ही रूस अब पाकिस्तान को MI-35 हेलिकॉप्टर पाकिस्तान को नहीं देगा. रूस और पाकिस्तान के बीच तीन MI-हेलिकॉप्टरों की डील हुई है जिसे रूस ने अब निरस्त कर दिया है.

इसबीच रूस मे पुतिन जबरदस्त तरीके से चुनाव जीत रहे हैं. सेन्ट्रल इलेक्शन कमीशन के प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार सत्तारूढ़ यूनाइटेड रशिया पार्टी ने 51 प्रतिशत मत हासिल किए हैं. इन नतीजों से पुतिन की पार्टी का संसद के निचले सदन में प्रभुत्व बढ़ेगा. इसका मतलब ये हैं कि पुतिन अभी और मजबूती से पाकिस्तान को सबक सिखाने की हालत में हैं.

रूस के इस कदम से उत्साहित भारत ने भी अब पाकिस्तान की हरकतों को देखते हुए उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग करने के लिए अभियान चलाने का फैसला किया है. सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी के घर पर हुई बैठक में ये फैसला लिया गया. सूत्रों ने संकेत दिए कि मोदी हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता के स्पष्ट सबूत चाहते हैं, ताकि संयुक्त राष्ट्र महासभा सहित सभी वैश्विक मंचों पर उसे पेश किया जा सके. बैठक में अन्य विकल्पों पर भी विचार किया गया. हालांकि कश्मीर मसले के अंतरराष्ट्रीयकरण की आशंका के मद्देनज़र भारत इस मामले पर और विचार कर लेना चाहता है.

बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सेनाध्यक्ष दलबीर सिंह सुहाग और प्रधानमंत्री कार्यालय, रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.