जोधपुर: सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित दिल्ली एम्स के डॉक्टरों की टीम ने आसाराम की सभी प्रकार की जांचे करने की व्यवस्था कर दी थी. लेकिन मंगलवार के दिन जांचे होने के बाद आसाराम को बिल्कुल स्वस्थ पाया गया. इसके बाद जब बुधवार के दिन आसाराम को फिर से जांचे करवाने के लिए कहा गया तो बाकायदा आसाराम ने यह लिखित में देकर न सिर्फ चिकित्सकों, बल्कि पुलिस को भी चौंका दिया कि-अब मुझे कोई और जांच नहीं करवानी.
आसाराम को जांच की जांच पूरी होने के बाद दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया है. उन्हें दुबारा जोधपुर ले जाने के लिए पुलिस ने प्रयास किए, लेकिन बुधवार के अलावा गुरुवार के टिकट भी नहीं हो पाए. हवाई टिकट मिलने पर आसाराम को अब शुक्रवार को जोधपुर लाया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हवाई जहाज से ही लाने-ले जाने के निर्देश दिए हैं और अब 22 व 23 सितंबर को दिल्ली से जोधपुर आने वाली दोनों फ्लाइट में सीट उपलब्ध नहीं है. ऐसे में उन्हें तिहाड़ में ही रखा गया है. सूत्रों की मानें तो दोनों फ्लाइट में ज्यादातर सीटें उनके समर्थकों ने ही बुक करवाई है, ताकि सीट नहीं मिलने पर आसाराम को तिहाड़ में ही रोका जा सके.
जांच नहीं कराने के पीछे जमानत की जुगत :
आसाराम की एम्स में पहले दिन एक दर्जन जांचों के बाद अगले दिन एंजियोग्राफी की सिफारिश हुई. जांच में कुछ ब्लॉकेज सामने आए. इसके बाद आसाराम को बुधवार फिर से बुलाया गया. इस दौरान हार्ट के लिए ईको टेस्ट होना था, लेकिन आसाराम ने बोर्ड के सामने जाते ही लिखकर दे दिया कि उन्हें जांच नहीं करवानी है.
जानकारों का कहना है कि ऐसे में अब आसाराम को आगे की जांच कराए बिना जोधपुर लाया जाता है तो बीमारी बढ़ने की आशंका रहेगी. ऐसे में उपचार के लिए जमानत मांगने का ग्राउंड होगा, क्योंकि एम्स की रिपोर्ट इसमें काम आएगी. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के सामने आसाराम के वकील जमानत या फिर उपचार के लिए बड़े अस्पताल में भर्ती करने की मांग कर उन्हें जेल से बाहर रखने की छूट मांगेगे. इससे पहले जितनी बार भी आसाराम की मेडिकल जांच हुई उसमें वो फिट पाए गए.