उड़ी हमले के बाद पाकिस्तान से संबंधों में जो तनाव आया है उसका फायदा उठाने के चक्कर में भारत का मीडिया एक के बाद एक ऐसी गलतियां कर रहा है जिससे हो सकता है आने वाले समय में देश को भारी नुकसान हो. मीडिया में सरकार की निष्क्रियता को छिपाने के लिए एक के बाद एक ऐसी खबरें प्लांट की जा रही है जिनसे लगे कि मोदी सरकार पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने वाली है. जानकारों का कहना है कि सरकार में आने से पहले मोदी पाकिस्तान को लेकर काफी उन्माद भरी बातें करते रहे, इन बातों का नतीजा हुआ कि बड़ी संख्या में राजनीतिक समझ की कमी रखने वाली एक जोशीली अतिराष्ट्रवादी पीढ़ी उनके प्रशंसकों के तौर पर तैया हो गई. ये लोग शोसल मीडिया पर उन्माद भरी बाते करते रहते थे और आए दिन पाकिस्तान को चुटकी में मसल देने वाले व्यक्तित्व के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी की छबि बनाते रहते थे.
उड़ी अटैक के बाद इस पीढ़ी की नजर में मोदी का पुराना स्थान बनाए रखना एक चुनौती बन गया. ये लोग रोज रोज़ सरकार पर सोशल मीडिया के जरिए दबाव बनाने में लगे थे. दूसरी तरफ कांग्रेस के सोशल मीडिया सेल ने इंदिरा गांधी और मोदी की तुलना वाली पोस्ट बनाकर शेयर करना शुरू कर दीं, इसका नतीजा ये हुआ कि बीजेपी दबाव में आती चली गई.
दबाव में हो रही हैं ये गलतियां
- बीजेपी मीडिया सेल मोदी के एक्शन में आने का इंतज़ार करने की हालत में नहीं थी. जानकार कहते हैं इसके बाद तेज़ी से मीडिया सेल हरकत में आई और उसने मोदी की सेना को कार्रवाई का आदेश देने वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर बांटनी शुरू कर दीं . इन तस्वीरों में मोदी बैठकर एक पुस्तिका में कुछ लिख रहे हैं पीछे कुछ अधिकारी खड़े हुए हैं. कहा गाय मोदी ने सेना को दी खुली कार्रावई की छूट, कहा घुसकर मारो. इस तस्वीर की तरह कई तस्वीर डाली गईं लेकिन ये कदम बेकार चला गया. अब दो ही रास्ते थे. या तो सरकार कोई एक्शन ले या एक्शन होता दिखाए. एक्शन लेना मुश्किल काम है लेकिन समर्थकों को वैचारिक रुप से 5 सालों में जैसा तैयार किया गया उसमें वो एक्शन से कम पर मानने को तैयार नही थे.
सेना का घुसपैठ रोकने की कोशिश का दावा
- सेना ने दावा किया कि उसने सीमा पर घुसपैठ की कोशिश में 10 आतंकवादियों को मार दिया है. खबर मीडिया पर जोरशोर से चली . बाद में पता चला कि 10 में से एक भी आतंकवादी की लाश नहीं मिली है . आननफानन में ये खबर अंडरटोन की गई.
पाकिस्तान में घुसकर 20 मारने की खबर
- एक वैबसाइट में मोदी समर्थक पत्रकारों ने सूत्रों के माध्यम से खबर डाली कि पाकिस्तान की नियंत्रण रेखा के पार जाकर घुसकर भारतीय वायुसेना ने आतंकवादियों के ठिकानों पर बमबारी की . इसमें 20 लोगों के मरने का दावा किया गया. ये खबर पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुई और फिर उसका खंडन कर दिया गया, खंडन की खबर कम लोगों को पता है लेकिन ये खबर लगातार वायरल हो रही है.
न्यूज़ चैनलों पर गलत खबरें
- एक के बाद एक चैनलों पर बीजेपी के सूत्र गलत खबरें प्लांट करने में लगे रहे. एक नामी न्यूज़ चैनल ने ज़ोरशोर से खबर चलाई कि प्रधानमंत्री ने वार रूम में एक सीक्रेट मीटिंग की है जिसमें मोदी के साथ तीनों सेना अध्यक्ष और मुख्य सुरक्षा सलाहकार मौजूद थे. इस मीटिंग में रेत के बने नक्शों के ज़रिए मोदी को पाकिस्तान में घुसकर हमला करने का प्लान बताया गया. इस चैनल के चीफ ने ट्वीट कर संवाददाता को बधाई भी दी. मज़ेदार ये हैं कि जो संवाददाता ये खबर लाए वो प्रधानमंत्री कार्यालय नही बीजेपी की बीट कवर करते हैं. आप अंदाज़ा लगा सकतेहैं कि ये खबर कहां से प्लांट कराई गई होगी. एक सामान्य विवेक वाला आदमी भी समझ सकता है कि प्रधानमंत्री की इतनी सीक्रेट बैठक की खबर मीडिया में कैसे आ सकती है, अगर ऐसा है तो भारत की सुरक्षा की हालत क्या होगी? तब तो भारत में कुछ सीक्रेट बचेगा ही नहीं. लेकिन चूकि इस खबर से प्रधानमंत्री की 56 इंच वाली छवि में 4 चांद लगते थे इसलिए इस खबर पर सरकार भी चुप रही.
- एक और चैनल ने सूत्रों के हवाले से चंडूखाने की खबर चलाई कि भारत पाकिस्तान के साथ सिंध नदी के पानी को लेकर चल रहे करार पर पुनर्विचार कर रहा है. पूरे दिन खबर को एक बड़े चैनल ने चलाया . मकसद था कि भारत के लोग समझ सकें कि सरकार ज़रूर कुछ बडा कदम उठाने वाली है. जानकारों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय समझौते ऐसे नहीं तोड़े जा सकते. कूटनीति की दुनिया मे किसी भी देश की एक वचनबद्धता होती है. अगर ऐसा होने लगे तो भविष्य में समझौतों पर दस्तखत करने का कोई अर्थ नही रह जाएगा, लेकिन फिर भी ये खबर चलती रही.
बहरहाल प्रधानमंत्री के फेंके हुए को लपेटने में बीजेपी के नज़दीकी लोग लगातार लगे हुए हैं, इन खबरों का ही नतीजा है कि पाकिस्तान ने अपने एफ-16 विमानों को रात में उडान पर भेज दिया . इससे पाकिस्तान नें अपने लोगों को संदेश दिया कि सरकार डरेगी नहीं.
भारत को होगा ये नुकसान
- अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान भारत की छवि दुद्ध के लिए भूखे देश की बनाने की कोशिश में इन जानकारियों को इस्तेमाल करेगा. उसके रक्षा मंत्री ने बिना शर्त बातचीत की पेशकश करके अपनी छवि बेहतर साबित करने की कोशिश भी कर दी है. यानी भारत युद्ध का भूखा देश और पाकिस्तान शांतिप्रिय !
- मानवाधिकारों के उल्लंघन के उसके आरोपों को बल मिलेगा. क्योंकि आम नागरिकों के लिए पानी जैसे संसाधनों की सप्लाई रोक देने के कथित कदम को वो लो भारत के अमानवीय रंवैयै के तौर पर बेचने की कोशिश करेगा.
- युद्ध से जुड़ी हुई खबरों को मुद्दा बनाकर पाकिस्तान हो सकता है कि भारत के खिलाफ कूटनीतिक घेराबंदी की कोशिश करे. आतंकवाद के मसले पर जो पाकिस्तान घिरता चला आ रहा था वो विश्वशांति के नाम पर निशान पर आ जाएगा
- इस सबसे बुरी बात ये कि उड़ी में सैनिकों की 17 जानें चले जाने का मुद्दा एक तरफ हो जाएगा और आतंकवाद पर प्रहार करने से भारत का ध्यान हटेगा