गुजरात में दलितों के ऊपर अत्याचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे. बीजेपी के विकास के मॉडल का आदर्श प्रतीक कहे जाने वाले गुजरात में दलितों को शायद इनसान ही नहिं समझा जाता. ताजा घटना बनासकांठा जिले के करजा गांव की है. यहं एक गर्भवती दलित महिला को पीटने का मामला सामने आया है. मरी हुई गाय फेंकने से इनकार करने के बाद महिला के अलावा उसके परिजनों को भी लोगों ने बुरी तरह पीटा.
पुलिस ने इस सिलसिले में आईपीसी और एससी-एसटी उत्पीड़न रोकथाम कानून की धाराओं के तहत छह लोगों को गिरफ्तार कर किया है. निलेश रनवासिया की ओर से दर्ज कराई गई FIR के मुताबिक, दरबार समुदाय के करीब 10 लोगों ने बीती रात उनकी गर्भवती पत्नी संगीता सहित उसके पूरे परिवार की पिटाई. संगीता और दो अन्य महिलाओं सहित छह लोग पिटाई से घायल हुए हैं.
संगीता को पालनपुर सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि मामूली तौर पर जख्मी हुए निलेश एवं अन्य को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक नीरज बड़गूजर ने बयान दिया है कि सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत गांव में पहुंची और कुछ ही घंटों के भीतर छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान बतावरसिंह चौहान (26), मकनुसिंह चौहान (21), योगी सिंह चौहान (25), बावरसिंह चौहान (45), दिलवीर सिंह चौहान (23) और नरेंद्र सिंह चौहान (23) के तौर पर की गई है. बड़गूजर ने कहा कि गांव में तनाव बढ़ने के कारण पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है और गश्त बढ़ा दी है. लेकिन कुछ स्थानीय नेता कहानी इसके उलट बता रहे हैं. उनका कहना है कि पीड़ित परिवार को मामला दर्ज कराने में खासी मशक्कत का सामना करना पड़ा .