बड़ी संख्या में इस्लामिक विद्वान ये मानते रहे हैं कि साऊदी अरब दुनिया भर में आतंकवाद को बढ़ावा देता रहता है. सभी का मानना है कि अमेरिका साऊदी सरकार की मदद से इस्लामिक आतंकवाद को फंड करता है. लेकिन इसबार अमेरिकी प्रशासन का पासा उल्टा पड़ा है. खुद अमेरिकी लोग अब साउदी अरब के खिलाफ 9/11 घटना को लेकर सऊदी अरब पर केस चलाएंगे. जस्टिस अगेंस्ट स्पॉंसर्स ऑफ टेरोरिज्म एक्ट (जेएएसटीए) नाम से एक विधेयक लाया गय़ा है. इस विधेयक को रोकने की ओबामा ने खूब कोशिश की. यहां तक कि उन्होंने विधेयक को वीटो भी कर दिया. लेकिन ओबामा का बीटो भी रद्द कर दिया गया. 8 सालों में पहली बार हुआ है जब ओबामा के किसी वीटो को रद्द किया गया है.
इससे पहले अपने कार्यकाल में ओबामा ने 11 बार वीटो का इस्तेमाल किया है. अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों में ओबामा के फैसले के खिलाफ वोटिंग की गई. उच्च सदन में 97-1, जबकि दूसरे सदन में दो तिहाई लोगों ने ओबामा के वीटो के खिलाफ वोटिंग की. सऊदी अरब के लिए ये बड़ा झटका माना जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 9/11 आतंकियों के मदद करने के आरोप सऊदी अरब पर लगे थे. हालांकि, सऊदी अरब से अमेरिका के महत्वपूर्ण संबंध रहे हैं.
अमेरिका पर भी उठ सकता है सवाल
हालांकि, कांग्रेस के इस फैसले के बाद अमेरिका पर भी दबाव होगा, क्योंकि कई देश अपने यहां की घटनाओं के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहरा सकते हैं और इसी तरह के बिल दूसरे देशों में लाए जा सकते हैं. कई देशों में अमेरिकी ड्रोन हमलों में निर्दोश भी मारे गए हैं.
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में अब सिर्फ 5 हफ्ते बचे हैं. 9/11 हमलों के पीड़ितों के परिजनों का कहना है कि उन्हें 15 साल बाद भी जस्टिस नहीं मिला है. इसीलिए अमेरिकी नेताओं ने जेएएसटीए बिल को खारिज करने से इनकार कर दिया. हालांकि, कई अमेरिकी नेताओं का मानना है कि बिल में कई कमियां हैं और इससे अमेरिका को भी मुश्किल हो सकती हैं.