पाकिस्तान के अंजाम को लेकर भारत ही नहीं पूरी दुनिया की एक ही राय है. सबको लगता है कि पाकिस्तान की नीतियां उसे कहीं का नहीं छोड़ेंगी और आने वाले समय में वो अलग थलग पड़ जाएगा. हाल ही में अमेरिकी अखबारों ने भी पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर वो आतंकवादी संगठनों को बंद नहीं करता तो उसकी मुसीबतें बढ़ जाएंगी.
द वाल स्ट्रीट जर्नल ने ‘कंसिक्वेंसेस ऑफ पाकिस्तानी टेररिज्म : रेड्स सिग्नल दैट इंडिया वोंट टॉलरेट मोर अटैक्स इन कश्मीर’ शीर्षक से एक लेख में विचार व्यक्त करते हुये चेतावनी दी गई कि यदि पाकिस्तान अपनी नीतियां जारी रखता है तो उसके तेजी से अलग थलग होने का खतरा है. समाचारपत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान यदि हिंसा बढ़ने से रोकना चाहता है तो उसे उन आतंकवादी समूहों को बंद करना होगा, जिनका वह लगातार समर्थन करता रहा है. इसमें कहा गया है, ‘उसे इसकी शुरूआत दो प्रमुख जेहादी संगठनों जैश ए मोहम्मद और लश्करे तैयबा से करनी चाहिए जो पाकिस्तान में खुलेआम संचालित होते हैं और इन हमलों में मुख्य संदिग्ध हैं.’
आतंकवादयों के भारत में घुसपैठ करने की साजिश के खिलाफ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत के लक्षित हमले के एक दिन बाद अखबार में प्रकाशित इस लेख में कहा गया है, ‘संयुक्त राष्ट्र की सूची में आतंकवादी संगठन घोषित होने के बावजूद दोनों संगठनों को इसकी सेना से मदद मिलती है.’ समाचारपत्र ने कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान को लगातार पेशकश की है कि वह आतंकवाद को समर्थन करना बंद कर दे तो उसके साथ करीबी आर्थिक और कूटनीतिक संबंध रखे जा सकते हैं. इसमें कहा गया कि पाकिस्तान को अपने लोगों का जीवन सुधारने के लिए एक नये दृष्टिकोण पर ध्यान केन्द्रित करने की जरूरत है.