काम आया पुराना दोस्त रूस, सर्जिकल स्ट्राइक को खुलेआम समर्थन, सुरक्षा परिषद में पहला समर्थन

रूस ने नियंत्रण रेखा के पार भारत के सर्जिकल हमलों का समर्थन किया है। रूस ने कहा कि प्रत्‍येक देश को खुद की रक्षा करने का अधिकार है। रूस संयुक्‍त राष्‍ट्र की सुरक्षा परिषद के स्‍थायी देशों में पहला है जिसने भारत के इस कदम का सार्वजनिक रूप से समर्थन किया है। भारत में रूस के राजदूत एलेक्‍जेंडर एम कदाकिन ने न्‍यूज चैनल सीएनएन-न्‍यूज 18 से कहा, ”भारत में शांतिप्रद नागरिकों और सैन्‍य ठिकानों पर जब आतंकी हमला करते हैं तो यह मानवाधिकार का सबसे बड़ा उल्‍लंघन है।

हम सर्जिकल स्‍ट्राइक का स्‍वागत करते हैं। प्रत्‍येक देश को अपनी रक्षा करने का अधिकार है।” उन्‍होंने साथ ही कहा कि उरी के हमलावर पाकिस्‍तान से आए थे। कदाकिन ने पाकिस्‍तान से कहा कि वह सीमा पार से हो रही आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाए। उन्‍होंने कहा कि उनका देश आतंकवाद से लड़ने में हमेशा से भारत के साथ है।

कदाकिन ने भारत को पाकिस्‍तान-रूस सैन्‍याभ्यास से चिंतित न होने को कहा। उन्‍होंने कहा कि यह अभ्‍यास पाकिस्‍तान के कब्‍जे वाले भारत के राज्‍य जम्मू कश्‍मीर में नहीं हो रहा है। रूस के राजदूत ने कहा, ”भारत को चिंतित होने की जरूरत नहीं है क्‍योंकि इस सैन्‍याभ्‍यास की थीम आतंकवाद रोधी है। यह भारत के हित में है कि हम पाकिस्‍तान को सिखाएं कि वह आतंकी हमलों के लिए भारत के खिलाफ खुद का उपयोग ना करें।”

रूस के दूतावास ने इससे पहले भी बयान जारी करके कहा था, ‘रूस-पाकिस्तान की बीच होने वाली एंटी टेरर एक्सरसाइज किसी भी कीमत पर ‘आजाद कश्मीर’ (POK) या फिर गिलगिट बाल्टिस्तान जैसी जगहों पर नहीं होगी। युद्धाभ्यास चेरट में होगा।’ चेरट खेबर पुख्तनवा में है। वह पेशावर से 34 मील की दूरी पर है।