नई दिल्ली: भातीय सेना के पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद रोज नए-नए दावे सामने आ रहे हैं. अंग्रेजी अखबार द हिंदू ने खुलासा किया है कि भारतीय सेना ने जुलाई 2011 में एलओसी पार करके जिंजर में पाकिस्तानी सैनिकों को सबक सिखाया था.
‘ऑपरेशन जिंजर’ पाकिस्तानी सेना की उस कार्रवाई के जवाब में किया गया था जिसमें 6 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. जैसे को तैसा जैसी कार्रवाई करते हुए भारतीय सेना पीओके में घुस गई थी और 8 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया गया था. इसमें से तीन के सिर कलम कर दिये गए थे. द हिन्दू अखबार ने 2011 में हुई इस सर्जिकल स्ट्राइक के पुख्ता सबूत होने का दावा किया है.
अखबार के दावे के मुताबिक भारतीय सैनिकों ने पीओके में इस ऑपरेशन को 48 घंटे में अंजाम दिया था. भारतीय सैनिकों ने पीओके में पाकिस्तान की पुलिस चौकी के पास लैंड माइंस भी बिछाए थे.
अखबार के मुताबिक कुपवाड़ा बेस 28 डिविजन के मुखिया रहे रिटायर्ड मेजर जनरल एसके चक्रवर्ती ने भारत के सर्जिकल स्ट्राइक की प्लानिंग और इसे अंजाम दिया था. रिटायर्ड मेजर जनरल एसके चक्रवर्ती ने कार्रवाई की पुष्टि की है, लेकिन अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया.
इस खबर को करने वाली द हिन्दू अखबार की पत्रकार विजेता सिंह ने बताया, “मैं ये नहीं जानती कि इस बार इसका ऐलान क्यों किया गया है. लेकिन हमारे जवान ने 2011 में ऑपरेशन जिंजर को अंजाम देते हुए 6 भारतीय सैनिकों की मौत का बदला लिया था. इस ऑपरेशन को बेहद खूफिया रखा गया था. ऑपरेशन से पहले भारतीय सेना ने सात बार रेकी भी की थी. ज्यादा लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए माइंस बिछाए गए थे.”
अखबार ने दावा किया है कि इस ऑपरेशन में एक भारतीय जवान घायल भी हो गया था. हिन्दू अखबार की पत्रकार विजेता सिंह ने बताया, “ऑपरेशन जिंजर के दौरान एक भारतीय सैनिक घायल हो गया था. उस सैनिक की उंगली घायल हुई थी.”
अखबार ने ऑपरेशन जिंजर को अंजाम देने वाले एक सैन्य अधिकारी के हवाले से लिखा, ”हमने इसके लिए 30 अगस्त को मंगलवार का दिन चुना था क्योंकि इस दिन को हमने हमेशा जीत हासिल की थी. यह ऑपरेशन ईद से एक दिन पहले किया गया क्योंकि पाकिस्तान को इस वक्त हमले की उम्मीद ना के बराबर थी.”