सिंगापुर की जुनिजा पिछले दो साल से अपनी पड़ोस की एक लड़की के साथ यौन हरकतों में शामिल थी. वो पुरुष बनकर रहती थी और पड़ोस की लड़कियों को फंसाकर उनके साथ यौन प्रक्रियाओं में शामिल रहती थी. उसके पड़ोस की लड़की के साथ सहमति के थे लेकिन सिंगापुर का कानून इसकी इजाजत नहीं देता था. क्योंकि सिगापुर में यौन सहमति की उम्र 16 साल है. विवाद होने पर जुनिका ने पीड़ित के साथ संबंध खत्म कर दिए. नाराज़ होकर उसकी पार्टनर पुलिस के पास चली गई इसके बाद अपराध का खुलासा हुआ.
40 वर्षीय जुनिजाको इस मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई है. जुनिका अहमद एक महिला है लेकिन कई वर्ष से वह पुरुष के तौर पर रह रही थी और उसने दो महिलाओं के साथ शादी भी की. उसने अपना नाम भी एक किशोर लड़की के पिता के तौर पर भी पंजीकृत कराया है.
सिंगापुर की शीर्ष अदालत ने वहां के हाई कोर्ट के न्यायाधीश के फैसले को पलटते हुए जुनिका की उसे बरी किए जाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी और बमुश्किल दो हफ्ते बाद यह सजा सुनाई गई. हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा था कि किसी नाबालिग का यौन उत्पीड़न करने के अपराध के लिए सिर्फ एक पुरुष के खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है. लेकिन उसकी बात नहीं सुनी गई.चैनल न्यूज एशिया की रिपोर्ट के अनुसार जुनिजा की गिरफ्तारी तक उसका परिवार और 13 वर्षीय पीड़ित उसकी वास्तविक पहचान से अनजान थे. अप्रैल में हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने यह कहकर जुनिका को यौन उत्पीड़न के आरोप से मुक्त कर दिया था कि कानून की जिस विशिष्ट धारा के तहत उस पर आरोप लगाया गया है उसमें ‘दोषी के तौर पर एक महिला नहीं आती है.’