पहली अक्टूबर को चीन में नेशनल डे होता है, उसके बाद एक हफ्ते छुट्टी होती है. अक्टूबर में माओ झे दोंग द्वारा रखी गई साम्यवादी चीन की नींव का जश्न मनाया जाता है.
नेशनल डे और उसके बाद होने वाली छुट्टी के दौरान चीन बदल सा जाता है. फैक्ट्री, दफ्तर, कंपनियां और सरकारी व गैरसरकारी प्रतिष्ठान एक हफ्ते के लिए बंद हो जाते हैं.
छुट्टियों के दौरान कई सड़कों पर गाड़ियां ही गाड़ियां नजर आती हैं. छुट्टी बिताने के चक्कर में बाहर निकले करोड़ों लोग सड़कों पर जाम का सबब भी बनते हैं.
इस साल 1.4 करोड़ लोग पहले दिन से ही छुट्टी पर निकल गए. लोगों की आवाजाही के लिए चीन के आम रेलवे टाइम टेबल में 500 अतिरिक्त ट्रेनें जोड़ी गईं.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक चीन की आधी आबादी यानि करीब 60 करो़ड़ लोग राष्ट्रीय छुट्टी के इस मौके का फायदा उठाकर घूमने निकल पड़े.
चीन में पहली बार नेशनल डे के बाद एक हफ्ते की छुट्टी की परंपरा 1999 में शुरू हुई. तब 2.8 करोड़ लोगों को इसका फायदा मिला.
चीन के अखबार पीपुल्स डेली के मुताबिक, एक छोटे से शहर में जाने के लिए 20 हजार लोग उमड़ पड़े, सारी टिकटें दो घंटे में बिक गईं.
चीन की सीन पहाड़ियों में बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचे. लेकिन एक दिन तूफान के चलते लिफ्ट क्रैश हो गई. 500 लोगों को वहीं रात बितानी पड़ी.
एक हफ्ते की छुट्टी का मतलब सिर्फ लोगों को आराम देना ही नहीं है. इस दौरान लोग काफी पैसा खर्च करते हैं जो देश के तमाम कोनों तक पहुंचता है.
अर्थशास्त्रियों के मुताबिक चीन की इस छुट्टी के दौरान 65 अरब डॉलर का वित्तीय कारोबार होता है.
इन छुट्टियों के दौरान अत्यधिक उत्पादन करने वाले सीमेंट और स्टील उद्योग को भी आराम मिलता है. प्रोडक्शन न कर, वे स्टॉक को बेहतर ढंग से मैनेज कर पाते हैं.
लेकिन एक साथ इतने लोगों के बाहर निकले से परेशानी ही होती है. इस दौरान कई जगहों पर अथाह भीड़ हो जाती है.
बीजिंग और शंघाई जैसे शहरों की बड़ी आबादी छुट्टियों के दौरान अपनी अदला बदली सी कर लेती है. शंघाई के लोग बीजिंग जाते हैं और बीजिंग वाले ऊंची ऊंची इमारतें देखने शंघाई.
मकाऊ कभी पुर्तगाल का उपनिवेश था. मकाऊ की 90 फीसदी आय कैसिनो और जुए से होती है. मकाऊ के कसीनो में लास वेगास के कसीनो से कई गुना ज्यादा बड़ा खेल होता है.
छुट्टियों के दौरान कई शहरों में अलग अलग किस्म के विशेष आयोजन होते हैं. यह तस्वीर चेंग्दू लाइट फेस्टिवल की है.
गोल्डन वीक कही जाने वाली इन छुट्टियों के दौरान बहुत से चीनी, पड़ोस में स्थित दक्षिण कोरिया, थाइलैंड और जापान जैसे देश भी घूम आते हैं. रिपोर्ट: मोहम्मद सालेही/ओएसजे ctsy DW.DE