आनेवाले समय में मुकेश अंबानी को अपना मुफ्त कॉलिंग का वादा वापस लेना पड़ सकता है. जो हालात हैं उन्हें देखकर नहीं लगता कि जियो से मुफ्त कॉल करने की इजाजत ट्राई देगा. इस मामले पर टेलिकॉम रेग्यूलेटरी (ट्राई) ने रिलायंस जियो इंफोकॉम से सफाई मांगी है. ट्राई ने यह सफाई इसलिए मांगी क्योंकि कंपनी ने अपनी कॉल रेट 1.20 रुपए प्रति मिनट दिखाई है. ट्राई के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस संबध में रिलायंस जियो अधिकारियों से मुलाकात की और टैरिफ प्लान की डिटेल मांगी. दरअसल रिलायंस जियो ने अपने सिम कार्ड ब्रोशर पर भी 2 पैसे प्रति सेकेंड (1.20 रुपए प्रति मिनट) की कॉल रेट प्रिंट कराई हुई है. इस तरह कंपनी रेग्यूलेटर से दर्ज कराए गए इस टैरिफ प्लान (2 पैसे प्रति सेकेंड) से अलग फ्री-कॉलिंग दे रही है. हालांकि रिलायंस जियो की ओर से इस बारे में अभी तक कोई सफाई नहीं दी गई.
ये है नियम:
जियो का यह मुद्दा टेलिकॉम टैरिफ को लेकर ट्राई द्वारा 2004 में किए गए एक संशोधन से जुड़ा है. नियम के मुताबिक, कोई भी टेलिकॉम कंपनी अपने टैरिफ प्लान की दर इंटरकनेक्ट यूजर चार्ज (IUC) से कम नहीं रख सकती. इंटरकनेक्ट यूजर चार्ज (IUC) वह खर्च होता है जो कॉल टर्मिनेट करने के लिए एक ऑपरेटर दूसरे ऑपरेटर को अदा करता है.
कॉल लगने में आ रही दिक्कत:
उल्लेखनीय है कि रिलायंस जियो ने सितंबर के पहले सप्ताह में अपनी 4जी सेवाओं की शुरुआत की. कंपनी ने अपने ग्राहकों के लिए वायस कॉल हमेशा के लिए मुफ्त रखने की घोषणा की है. हालांकि जियो के ग्राहकों को कॉल लगाने में आ रही दिक्कतों के कारण कंपनी ने ट्राई से दूसरी कंपनियों की शिकायत भी की है. जियो का आरोप है कि मौजूदा कंपनियां उसे पर्याप्त इंटरकनेक्शन प्वाइंट उपलब्ध नहीं करवा रहीं जिस कारण उसके ग्राहकों की काल विफल हो रही हैं. वहीं मौजूदा दूरसंचार कंपनियों भारती एयरटेल, वोडाफोन व आइडिया ने नेटवर्क पर मौजूदा भीड़भड़ाके या कंजेशन के लिए नई कंपनी रिलायंस जियो द्वारा नि:शुल्क वायस कॉल को जिम्मेदार बताया है.