नई दिल्ली: करवाचौथ पर अगर मेहंदी लगाने को लेकर आप जोश में हैं तो थोड़ा सावधान हो जाएं. बाज़ार में मिल रही मिलावटी मेहंदी आपके हाथों की खूबसूरती बढ़ाने के बजाय उनकी रंगत छीन सकती है. करवाचौथ आते ही हर गली मौहल्ले और चौराहे पर मेहंदी के स्टॉल लग जाते हैं. शहर के ब्यूटी पार्लर और सड़कों पर बैठे मेंहदी लगाने वाले पांच मिनट में गहरी काली मेंहंदी लगाने का दावा भी करते हैं. लेकिन ये दावे मेहंदी नहीं आपके हाथों पर हानकारक कैमिकल लगाकर पूरे किए जाते हैं. बाजार में इन दिनों कैमिकल से तैयार की गई मेंहदी की खेप पहुंच चुकी है जो आपको मेंहदी का लाभ पहुंचाने के बजाए आपको नुकसान पहुंचाएगा.
त्यौहारों का मौका आते ही बाजार में हर्बल के नाम पर केमिकलयुक्त् मेंहदी की बिक्री जोरों पर होने लगती है. लखनऊ के रतीय विष विज्ञान अनुसंधान संसथान (आईआईटीआर) के वैज्ञानिकों ने बाजार में बिकने वाली मेंहदी पर शोध किया जिसमें पाया कि उसमें घातक रंगों को मिलाया जा रहा है जो शरीर के लिए नुकसानदेह है. आईआईटीआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ मुकुल दास ने बताया कि बाजार में काली मेंहदी की मांग युवतियों में काफी ज्यादा है. गाढ़ा रंग होने के कारण इसे महिलाएं खूब पसंद करती हैं और इसी में सबसे ज्यादा कैमिकल की मिलावट होती है.
मेंहदी में घातक रंग
सोडियम पिक्रामेट- यह घातक रसायन ज्वलनशील पदार्थों में मिलाया जाता है. यह शरीर के प्रोटीन में मिलकर रंग को गाढ़ा बनाता है. मेंहदी में सबसे ज्यादा इसका इस्तेमाल किया जाता है. यह मेंहदी के तेल के नाम से भी जाना जाता है.
ऑक्सेलिक एसिड-
यह ब्लीचिंग के लिए प्रयोग होता है.
पीपीडी-
बालों को काला करने के लिए हेयर डाई में इस्तेमाल किया जाता है. काली मेंहदी को तैयार करने में इसका प्रयोग होता है.
इसके विपरीत मेहंदी में होते हैं यह औषधीय गुण
-मेहंदी का इस्तेमाल कई तरह की देशी दवाओं को बनाने में किया जाता है
-अगर आपको लू लग गई है तो इसे पानी में घोल कर पैर और तलवों में लगाएं
-शरीर का कोई अंग जल जाये तो उसमें फायदेमंद है
-मुंह में छाले हो जाएं तो मेहंदी के पत्ते को रात में पानी में भिगो दें सुबह पानी छानकर उससे कुल्ला करें छाला ठीक हो जायेगा
-शरीर के जिस अंग पर दाद हो गया हो वहां मेहंदी के पत्ते को पीसकर लगाएं दाद दूर हो जाता है
-शरीर के किसी अंग पर आतंरिक चोट लग गई हो तो वहां मेहंदी में हल्दी पीसकर लगाएं दर्द से आराम मिलेगा
-पित्त की समस्या में नाभि पर मेहंदी का घोल लगाएं. कुछ समय बाद स्नान करें फ़ायदा मिलेगा
रासायनिक मेंहदी है खतरनाक
त्वचा में जलन, सूजन, खुजली और खरोंच के निशान बनने का खतरा होता है. इस तरह के लक्ष्ण अगर आपको दिखने लगे तो तुरंत चिकित्सक से सम्पर्क करें. देर करने पर एलर्जी पूरे शरीर में फैल सकती है.
असली मेंहदी की यह है पहचान
डॉ मुकुल दास ने बताया कि अगर कोई आपसे कह रह है कि वह पांच मिनट में आपके हाथों में मेंहदी का रंग रचा सकता है तो समझ जाएं उसमें उतना ज्यादा ही कैमिकल मिलाया गया है. असली मेंहदी को हाथों में लगाने से पहले दो से तीन घंटे पहले भिगो के रखना पड़ता है. इसके बाद हाथों में लगने के बाद भी काफी देर तक हाथों में लगा रहता है और फिर उसका रंग आता है. असली मेंहदी का रंग पांच मिनट में आना संभव नहीं. असली मेंहदी का रंग काला नहीं होता है. केवल नारंगी और गाढ़ा लाल होता है.