मैं 16 साल का छात्र हूं और बिहार के मुजफ्फरपुर में एक सरकारी स्कूल में पढ़ता हूं.
पिछले कुछ दिन से हर कोई यह जानना चाहता है कि मुझे स्कूल में उन लड़कों ने इतनी बुरी तरह से क्यों पीटा. मैं काफी समय तक चुप रहा.
कभी पुलिसवालों को, कभी स्कूल के साथियों को तो कभी मीडिया को बार-बार अपने पिटने की कहानी बताकर अब मैं निराश हो गया हूं.. थक गया हूं. इन सभी को जब से मेरे पिटने का वीडियो सोशल मीडिया पर मिला, तब से बार-बार पूछ रहे हैं. कुछ लोगों ने मुझे बताया कि मेरे पिटने का वीडियो वायरल हो गया है.
बचपन में ही मेरे पिता ने मुझे मेरी नानी के घर मुजफ्फरपुर में पढ़ने के लिए छोड़ दिया था. मेरे पापा मेरी दो छोटी बहनों के साथ गांव में ही रहते हैं और वह एक शिक्षक हैं. उन्होंने मुझे वह नाम दिया, जिसका अर्थ ‘बेस्ट’ होता है. वे चाहते हैं कि मैं यहां अच्छी शिक्षा ग्रहण करूं. मैं बहुत मेहनत करता हूं. मेरी हमेशा यही कोशिश रहती है कि पापा की अपेक्षाओं पर खरा उतरूं.
स्कूल में मारपीट की उस घटना से पहले और उसके बाद भी आज मुझ पर जो बीत रही है वो एक प्रताड़ित छात्र या समाज से निष्कासित व्यक्ति ही समझ पाएगा. मैंने स्कूल में अच्छा करना शुरू किया तो मेरे पिता खुश हुए, लेकिन इसके साथ ही मेरी प्रताड़ना भी शुरू हो गई.
मैं पिछले दो साल से अपने स्कूल में अच्छे मार्क्स लाकर दलित होने का नतीजा भुगत रहा हूं. मेरी ही क्लास में पढ़ने वाला एक छात्र और उसका भाई पिछले दो साल से मुझे प्रतिदिन प्रताड़ित करते हैं. मुझे भद्दी-भद्दी गालियां देते हैं. हफ्ते में कम से कम एक बार वे मेरे चेहरे पर थूक फेंकते हैं.
मैंने अपने अध्यापक को यह सारी बातें बताई. उन्हें मेरे साथ सहानुभूति तो है, लेकिन साथ ही उन्होंने बताया कि उन दोनों के पिता बहुत ताकतवर क्रिमिनल हैं. इसलिए स्कूल उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि अगर मैंने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई तो मुझे स्कूल से नाम काटे जाने पर मजबूर कर दिया जाएगा.
मैं भी चिंतित था कि मुझे प्रताड़ित करने वाले लड़कों के पिता मेरे परिवार के साथ क्या करेंगे. इसलिए मैंने चुप रहना ठीक समझा.
वह वीडियो जो वायरल हुआ है और जिसकी वजह से पुलिस केस भी दर्ज हो गया है, मुझे लगता है कि वह 25 अगस्त का है. उनमें से एक ने कहा था कि मुझे मारने में उसे खुशी मिलती है. इसलिए उसने एक अन्य छात्र को फोन देकर मेरे साथ मारपीट का वीडियो बनवाया.
वह कक्षा में पीछे बैठता है, जहां आसानी से नकल हो सकती है. मैं हमेशा आगे की बैंच पर बैठता हूं. नकल करने के बावजूद उसके नंबर बहुत खराब आते हैं, जबकि मेरे हमेशा अच्छे नंबर आते हैं. इसी बात से उसे मेरे साथ नाराजगी है. और जब उसे पता चला कि मैं दलित हूं तो उसने मुझे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया.
इस वीडियो में भी देख सकते हैं कि मैं कुर्सी पर बैठा था और वह मुझे मार रहा है. उसने मेरे सिर पर मारा. मुझे लात-घूसें मारे गए. मुझे कुर्सी से खींचकर एक दीवार के पास ले जाया गया और मेरे चेहरे पर थप्पड़ मारा गया. किसी ने भी उसे और उसके भाई को रोकने की कोशिश तक नहीं की. मुझे बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया.
इस वीडियो के बारे में जानने के बाद मेरे नाना खुद को रोक नहीं पाए और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी. लेकिन दो-तीन लोग आए और उन्होंने हमें केस वापस लेने की धमकी दी. अब मैंने स्कूल जाना भी छोड़ दिया है. मार्च में मेरी वार्षिक परीक्षाएं हैं.
अब आप ही बताएं मैं कैसे इस टॉर्चर का सामना करूं और परीक्षा की तैयारी करूं.