जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के सदस्यों ने यूनिवर्सिटी के एडमिन ब्लॉक का 19 अक्टूबर दोपहर दो बजे से घेराव कर रखा है. ये घेराव पांच दिनों से लापता छात्र नजीब की गुमशुदगी के विरोध में किया गया है. दूसरी तरफ मीडिया के एक हिस्से का दावा है कि छात्रों ने वीसी को बंधक बना लिया है. उधर इस मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर से बात की और मामले पर पूरा ब्रीफ लिया.
गौरतलब हो कि स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी का छात्र नजीब अहमद शनिवार से लापता है. उसके लापता होने से एक रात पहले कैंपस में उसका झगड़ा हुआ था. छात्र के अभिभावकों से मिली शिकायत के बाद वसंत कुंज उत्तर थाना में एक व्यक्ति के अपहरण और गलत तरीके से कैद कर रखने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई.
एक वक्तव्य में कहा गया, ‘जेएनयू प्रशासन ने प्रॉक्टरस्तरीय जांच समिति के समक्ष गवाही के लिए 12 छात्रों को तलब किया था, जिनके नाम माही-मांडवी हॉस्टल में 14 अक्तूबर को हुई हिंसा की घटना से जुड़े हैं.’ वक्तव्य में कहा गया, ‘समिति ने यह भी कहा है कि जो भी गवाही देना चाहता है वो आगे आएं और जांच में मदद करें. प्रशासनिक ब्लॉक को अवरूद्ध करने के लिए छात्रों की निंदा करते हुए जेएनयू के शिक्षकों ने प्रशासन से अनुरोध किया कि वो अहमद का पता लगाने के लिए पुलिस पर अधिक दबाव डालें और अहमद से अपील की कि वह प्रताड़ित किए जाने के डर के बिना वापस लौटे.’
विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार और अन्य शीर्ष अधिकारियों ने 15 अक्तूबर की दोपहर को अहमद के गुम होने के बाद पहली बार मीडिया को बताया कि लड़के का पता लगाने के लिए सारे कदम उठाए गए हैं और वह परिवार के संपर्क में भी हैं. कुमार ने कहा, ‘लेकिन हम उसकी सुरक्षा के बारे में वाकई चिंतित हैं और पुलिस के साथ नियमित संपर्क में हैं और जो भी जरूरत है वो सूचना प्रदान कर रहे हैं. हमने नजीब अहमद से भी अपील की है कि अगर वह इसे पढ़ रहा है तो विश्वविद्यालय लौट आए. हम उसे सभी तरह की मदद का आश्वासन देते हैं.’
दूसरी तरफ जेएनयू के छात्रों ने अपने रूख का बचाव करते हुए दावा किया कि किसी को अवैध रूप से बंधक नहीं बनाया गया. जूएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष मोहित पांडेय ने कहा कि हमने जेएनयू के प्रशासनिक भवन में किसी को अवैध रूप से बंधक नहीं बनाया. बिजली और दूसरी सभी तरह की आपूर्ति है. हमने भीतर खाना भेजा है. दूसरी तरफ, पुलिस विश्वविद्यालय परिसर के बाद बाहर मौजूद है और अंदर दाखिल होने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति का इंतजार कर रही है.