अगर आपने अभी तक अपने डेविट या क्रेडिट कार्ड का सिम नहीं बदला है तो सबसे पहले यही काम करें. बैंक लगातार सभी को मैसेज भेज रहे हैं कि वो अपना पिन बदलें. इसके पीछे माना जा रहा है कि देशभर में अलग-अलग बैंकों के लगभग 30 लाख डेबिट कार्ड्स ऐसे ATM पर इस्तेमाल किए गए हैं जहां से मालवेयर के जरिए कार्ड की डीटेल्स और पिन नंबर चोरी हो गई है. जानकारों का मानना है कि यह सबसे बड़ी सेंधमारी है. जानकारी के मुताबिक एसबीआई, एचडएफसी, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और ऐक्सिस बैंक इसके सबसे बड़े शिकार बने हैं. जिन 30 लाख कार्डों के पिन चोरी होने की आशंका है, उनमें करीब 26 लाख वीजा और मास्टर कार्ड हैं जबकि बाकी के रुपे कार्ड हैं. इनमें कुछ कार्ड्स का चीन के कुछ जगहों पर अनाधिकार इस्तेमाल हुआ है.
कहा जा रहा है कि हिटाची पेमेंट सर्विस सिस्टम से जुड़े एटीएम का इस्तेमाल करने वाले लोगों के पिन चोरी हुए हैं. हिटाची पेमेंट सर्विस यस बैंक के लिए ATM नेटवर्क चलाती है. यह मामला इसी साल जुलाई के महीने में सामने आया था. हालांकि बैंक का अब भी कहना है कि उसके ATM नेटवर्क में किसी तरह की कोई समस्या नहीं है और वह ग्राहकों की निजी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए कई कदम उठा रहा है. हालांकि यस बैंक का ATM नेटवर्क बहुत छोटा है लेकिन इन मशीनों से थर्ड पार्टी ट्रांजैक्शन के कारण कई बैंक प्रभावित हुए हैं.
इस मामले पर यस बैंक ने कहा, ‘बैंक ने अपने सभी ATM की जांच की है जिसमें सुरक्षा में सेंध का कोई मामला सामने नहीं आया है. बैंक ग्राहकों, अन्य बैंकों और NPCI (नैशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) के साथ अपनी सेवाएं जारी रखे हुए है और सुनिश्चित करता है कि बैंक के ATM नेटवर्क और पेमेंट सर्विस का इस्तेमाल पूरी तरह सुरक्षित हैं.’ हालांकि, रेग्युलेटरी संस्था का कहना है, ‘प्रभावित सिस्टम की जांच की गई है और जिन कार्डों के डीटेल्स चोरी हुए हैं उनकी पहचान की जा चुकी है. साथ ही बैंक अपने स्तर पर सुरक्षा के लिए कदम उठा रहा है. इस घटना ने RBI को भी अपने रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क का समीक्षा करने को मजबूर कर दिया है. आरबीआई ने बैंकों को कहा है कि वह तुरंत इस फ्रॉड के बारे में उसे सूचित करें. इस जानकारी को बिना पहचान उजागर किए अन्य बैंकों के साथ भी साझा किया जाएगा.’
हालिया घटना ने बैंकों के सामने सुरक्षा को लेकर नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं. अभी तक ज्यादातर ATM फ्रॉड मशीनों पर स्किमर लगा कर या हिडन कैमरे के जरिए पिन नंबर चुरा कर ही किए जाते थे. हालांकि, प्रभावित बैंकों और नियामक संस्थाओं ने संभावित मालवेयर के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. कुछ जानकारों ने कहा कि जिस तरह एसबीआई ने बड़ी संख्या में नए डेबिट कार्ड इशू करने का फैसला लिया है उससे लगता है कि मालवेयर ने कार्ड के हार्डवेयर सिक्यॉरिटी मॉड्यूल तक पहुंच बना ली है जहां से कार्ड की जानकारी और पिन नंबर जाना जा सकता है. हिटाची पेमेंट सर्विस के एमडी लॉनी एंटनी ने कहा, ‘पहली नजर में सिस्टम की सुरक्षा में किसी प्रकार की कोई खामी नजर नहीं आ रही है लेकिन जांच की अंतिम रिपोर्ट आने तक कुछ भी नहीं कहा जा सकता. मुझे नहीं लगता कि किसी बैंक को नए डेबिट कार्ड जारी करने की जरूरत है. कई बैंकों ने ग्राहकों को अपने ATM पिन नंबर बदलने को कहा है लेकिन बैंक ऐसे निर्देश आमतौर पर ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देते रहते हैं.’