हमने खबर दी थी कि मुलायम सिंह और शिवपाल यादव की बेरुखी के कारण अखिलेश यादव कांग्रेस और राहुल गांधी के काफी नज़दीक पहुंच गए हैं हमने ये भी बताया था कि किस तरह अखिलेश यादव अलग पार्टी बनाने की तैयारी में हैं और राहुल गांधी उनका साथ देने को तैयार हैं.
धीरे धीरे Knockingnews.com की इस खबर की पुष्टि हो रही है अखिलेश और रामगोपाल यादव खेमे की मैराथान बैठकें चल रही हैं और अपुष्ट सूत्रों से खबर मिली है कि इस राजनीतिक तनाव के बीच रामगोपाल यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यचुनाव अधिकारी और दिल्ली में चुनाव आयोग में संपर्क कर चुके हैं जहां उन्होंने नई पार्टी के रजिस्ट्रेशन की संभावाएं तलाशी.
IBN ने खबर दी है कि राम गोपाल यादव को इस मामले में चुनाव आयोग से निराशा मिली है क्योंकि नयी पार्टी के रजिस्ट्रेशन के लिए जो समय बचा है चुनाव आयोग ने उसे काफी कम बताया है. दूसरे शब्दों में चुनाव तक नयी पार्टी का रजिस्ट्रेशन कराने के हिसाब से काफी देरी हो चुकी है.
नवभारत टाइम्स की खबर भी हमारी खबर की पुष्टि कर रही है . अखबार ने लिखा है कि रामगोपाल दिल्ली स्थित निर्वाचन सदन गए और मुलाकात की. हालांकि अखबार ने रामगोपाल की चुनाव आयोग में क्या बात हुई ये अखबार ने नही लिखा है.
इन सारी गतिविधियों के बीच अखिलेश और उनके साथियों को मनाने के चैनल भी खुले हुए हैं. अमरसिंह राहुल गांधी को मनाने के लिए अपने संपर्कों को लगा चुके हैं और शिवपाल लगातार अखिलेश की कभी तारीफ कर रहे हैं तो कभी घर जाकर मना रहे हैं. मध्यस्थों के ज़रिये भी कई संदेश पहुंचाए जा रहे हैं. दूसरी तरफ मुलायम सिंह सख्त रवैया अपनाए हुए हैं. सोमवार को जो बैठक होगी उसमें तस्वीर काफी हदतक सामने आ सकती है
पूरे तनातनी के घटनाक्रम के बीच सबसे ज्यादा फिक्र मुलायम सिहं को है . पार्टी के दो फाड़ होने पर अखिलेश को कुछ हासिल हो न हो पिछड़े वर्ग के वोट बंटने से बीजेपी और सपा को फायदा होगा. कांग्रेस को इसलिए फायदा होगा क्योंकि समाजवादी पार्टी के कमजोर होने की सूरत में मुसलमान कांग्रेस की तरफ ही रुख करेंगे. यही वजह है कि अखिलेश को राहुल का समर्थन लगातार मिल रहा है.