लीजिए व्यापार और कारोबार में भी मोदी सरकार फिसड्डी निकली. विदेश और रेलमंत्रालय के मामले में तो जो हाल है सो है कारोबार करने के मामले में भी मोदी खुद अपने टारगेट से बोहद पीछे हैं.कारोबार करने की सुविधा के लिहाज से भारत इस साल भी नीचे स्थान पर है. सूची में वह 130वें पायदान पर है. मोदी सरकार व्यापार सुगमता के लिये प्रयास कर रही है और उसका लक्ष्य देश को शीर्ष 50 में लाना है. लेकिन 130वां नंबर आना किसी भी सरकार के लिए शर्मनाक असफलता है.
देश ने निर्माण परमिट, ऋण प्राप्त करने और अन्य मानदंडों के संदर्भ में नाममात्र या कोई सुधार नहीं किया है. इसको देखते हुए लिस्ट में भारत को यह स्थान दिया गया है. ‘डूइंग बिजनेस 2017’ नाम की रिपोर्ट को मंगलवार को जारी किया गया. इसमें 190 देशों की लिस्ट में भारत 130वें स्थान पर है. इस लिस्ट में सबसे ऊपर सिंगापुर हुआ करता था लेकिन अब न्यूजीलैंड ने इसपर अपना कब्जा जमा लिया है. भारत सरकार अपनी रैंकिंग से काफी निराश है. सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि उसने सुधार के लिए जो 12 कदम उठाए उनपर गौर नहीं किया गया.
लिस्ट में इस वक्त सिंगापुर दूसरे नंबर पर है. उसके बाद उसके बाद क्रमश: डेनमार्क, हांगकांग, दक्षिण कोरिया, नार्वे, ब्रिटेन, अमेरिका, स्वीडन तथा पूर्व यूगोस्लाव मैसिडोनिया गणराज्य का स्थान है. सूची में पाकिस्तान 144वें स्थान पर है.
औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग के सचिव रमेश अभिषेक ने कहा कि दर्जन भर महत्वपूर्ण सुधार सरकार ने किए हैं जिनमें दिवाला संहिता, जीएसटी, इमारत योजना की मंजूरी के लिए एकल खिड़की प्रणाली, ऑनलाइन कर्मचारी राज्य बीमा आयोग और भविष्य निधि पंजीकरण जैसे सुधार शामिल हैं. इन सभी पर विश्वबैंक ने इस साल विचार नहीं किया है. विभाग ने कहा कि वह सुधारों पर आगे काम जारी रखेगा.
इसके लिए बाहरी एजेंसियों की नियुक्ति, हितधारकों से बातचीत इत्यादि शामिल है. उन्होंने कहा कि हम विश्वबैंक के साथ मुलाकात जारी रखेंगे और उन्हें इस बात के लिए राजी करेंगे कि हमारे द्वारा किए गए इन 12 प्रमुख सुधारों को अपनी रपट में शामिल करें.