दुनिया भर में भले ही भारतीय महिलाओं की छवि दमित पीडित और सताई हुई अबला नारी की हो. हमारे आसपास के उदाहरण भी यही दिखाते हैं लेकिन यूएन की ये रिपोर्ट दुनिया में भारत की महिलाओं की छवि बदल देगी. रिपोर्ट बेहद चिंताजनक है लेकिन भारत जैसे देशों के मर्द इसे चटखारे लेकर पढ़ रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पतियों की पिटाई करने के मामले में भारत की रण चंडियां दुनिया में तीसरे नंबर पर हैं. पिटाई के मामले में भारत की पत्नियों को अगर कोई हरा पाया है तो वो हैं ब्रिटेन और और इजिप्ट यानी मिस्र की महिलाएं. मिस्र की बीबिया पतियों से दे दनादन करने में नंबर वन हैं और अंग्रेज़नियां नंबर दो. रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरे देशों के मर्दों की तरह भारत के मर्द इस तरह की हिंसा का जिक्र नहीं करते बल्कि इसे छिपाना पसंद करते हैं. उनका मानना है कि हिंसा का जिक्र करना हिंसा झेलने से ज्यादा बुरा है.
खलीज टाइम्स के मीना एडिशन की रिपोर्ट के मुताबिक मिस्र के फेमिली कोर्ट से मिली रिपोर्ट के मुताबिक पतियों को पीटने और बुरे बर्ताव वाली 66 प्रतिशत महिलायें अपने पतियों से तलाक चाहती हैं. सोचिए इसका मतलब ये तो नहीं कि वो पति को पीट पीट कर थक गई होंगी. लेकिन मर्दों की हालत बेहद पतली है . वो अपनी बेचारे कानूनों की कमी के चलते सिर्फ उनके खिलाफ केस करके ही संतुष्ट हो जाते है.
रिपोर्ट के मुताबिक ये महिलाएं अपने पतियों की पिटाई में पिन, बेल्ट, जूते तथा किचेन में इस्तेमाल होने वाले तमाम सामानों का बखूबी इस्तेमाल करती हैं. कई औरतें तो इससे भी एक कदम आगे बढ़ पतियों को नींद की गोलियां खाने में या अन्य चीज़ों में मिलाकर देने से नही चूकती हैं.