चीनी सामान के बहिस्कार पर चीन ने भारत को आर्थिक धमकी दी है. चीन के मुताबिक इससे चीन का कछ नहीं बिगड़ेगा बल्कि भारत के लिए समस्याएं खड़ी हो जाएंगी. चीन ने सलाह दी है कि भारत ऐसे बहिस्कार को रोके तो ठीक रहेगा . चीन का कहना है कि ऐसे बहिस्कार और चीन विरोधी माहौल से वहां के निवेशक भारत नहीं आएंगे. चीन का कहना है कि चीन का ऐसे बहिस्कारों से कुछ नहीं बिगड़ने वाला क्यों कि भारत चीन के निर्यात का सिर्फ 2 फीसदी ही मंगवाता है.
आपको पता है कि इस बार बाजारों में चीनी सामानों की खरीदारी कम हो रही है. दिल्ली सरकार ने तो चीनी पटाखे बेचने पर ही रोक लगा दी है. इससे पहले पिछले कई सालों से दिवाली के मौके पर चीनी सामानों की जमकर खरीदारी होती थी. इस बीच, गुरुवार को चीन ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा है कि उसके सामानों का बहिष्कार करने से दोनों देशों के संबंधों और निवेश पर असर पड़ सकता है. नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी लियान ने कहा, “चीन इस तरह के बहिष्कार से चिंतित है, इसका चीनी इन्टरप्रेन्यूर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, इसके साथ ही दोनों देशों के बीच के संबंध और निवेश पर भी उसका असर पड़ सकता है जो चीन और भारत दोनों देशों के लोग देखना पसंद नहीं करेंगे.”
दक्षिण एशिया में भारत चीन का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और चीन के लिए नौवां सबसे बड़ा निर्यातक बाजार है. कई संगठनों ने इस बाच दिवाली पर चीनी सामानों के बहिष्कार का एलान किया है लेकिन भारत सरकार की तरफ से ऐसा कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है.
गौरतलब है कि भारत में आधारभूत संरचनाओं के विकास में चीनी निवेश की बड़ी भूमिका है. भारत और चीन के बीच साल 2015 में 71.6 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था. चीनी प्रवक्ता ने कहा, “यह बहिष्कार सिर्फ दिवाली के सामानों तक सीमित नहीं रहेगा. इसका असर आगे भी दिख सकता है.” उन्होंने कहा कि अगर ऐसा लंबे समय तक चला तो इससे न केवल चीनी सामानों की बिक्री प्रभावित होगी बल्कि इससे दोनों देशों के बीच व्यापार और उस के उपभोक्ताओं पर भी बुरा असर पड़ सकता है. दुनिया भर में चीन इस तरह के सामानों का व्यापार करने वाला सबसे बड़ा देश है. चीन ने साल 2015 में 2266.5 बिलियन डॉलर का सामान निर्यात किया था. हालांकि, भारत कुल चीनी निर्यात का मात्र 2 फीसदी सामान ही वहां से आयात करता है.