भारत 21 वीं शताब्दी में है. चंद्रयान जा चुका है मंगल की तैयारी चल रही है. भारत की बेटियां अंतरिक्ष में जा चुकी हैं वहां रह चुकी हैं लेकिन उन्हें मां की कोख में रहने का हक नहीं. राजस्थान में एक महिला को बेटी को जन्म देना महंगा पड़ गया. बेटी पैदा करने पर उसके पति ने उसे घर से बाहर कर दिया जिसके बाद महिला न्याय के लिेए दर-दर भटक रही है. आश्चर्य की बात यह है कि उसका पति कोई अनपढ़ नहीं बल्कि बैंक में मैनेजर है. घर से बाहर निकाले जाने के बाद महिला अपने पति के घर के बाहर दो दिन के लिए भूख हड़ताल पर भी बैठ गई.
जयपुर के दुर्गापुरा की रहने वाली महिला सपना की शादी पिछले दिसंबर को बैंक मैनेजर शैलेश के साथ हुई थी. शैलेश उदयपुर के एक बैंक में बैंक मैनेजर है. जून में जब शैलेश को सपना के गर्भवती होने का पता चला तो उसने सपना से अपने मायके जाने को कहा. डिलिवरी के समय सपना वापस अपने ससुराल जयपुर आ गई. सपना ने 12 सिंतबर को एक बेटी को जन्म दिया. बेटी होने से गुस्सा पति और उसकी मां ने महिला को घर से निकाल दिया.
जब इसकी जानकारी पुलिस को हुई तो पुलिस ने पति को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद महिला का पति शैलेश अग्रवाल अपनी पत्नी और नवजात बच्ची को अपनाने को तैयार नहीं है.
सपना ने बताया, ‘जब मैंने बेटी को जन्म दिया तो पति सहित ससुराल से कोई उसे देखने तक नहीं आया. जब मैं वापस अपने ससुराल गई तो मेरे पति और उनकी मां ने मुझे घर में घुसने नहीं दिया.