नई दिल्ली. दिवाली का मौका है और लगातार हो रही है खरीदारी. खरीदारी के दौरान जब आप बाज़ार में निकलें तो बहुत मुमकिन है कि आपके हाथ में कोई नकली नोट आ जाए. दुकानदारों को भी हो सकता है कि कोई ग्राहक नकली नोट दे जाए. नकली नोट को लेकर कानून सख्त है. अगर आपके पास नकली नोट मिलता है तो केस सीधे पुलिस को दिया जा सकता है कम से कम नोटो तो जब्त करके नष्ट किया ही जा सकता है. जाहिर है काफी परेशानी बैठे बिठाए हो सकती है. लेकिन आप रिजर्वबैंक की गाइडलाइंस पर अमल करके इस परेशानी से बच सकते हैं. रिजर्व बैंक ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया है. इस सर्कुलर में 500 और 1000 के नोट लेने से पहले उसे जांच लें. ऐसे में आपको बता दें कि असली और नकली नोट में अंतर करना बेहद आसान है. नीचे लिखी बातों के जरिए असली नकली नोटों में फर्क करना बहुत सरल है.
जानिए कैसे पहचानेंगे आपके हाथ में रखा नोट असली है या नकली-
वार्टर मार्क: इसके लिए भारतीय नोट पर बने गांधी जी को अगर हल्के शेड वाली जगह पर तिरछा करके देखा जाए तो वार्टर मार्क दिखाई देता है.
सिक्योरिटी थ्रेड: नोट के एकदम बीच में सीधी लाइन पर ध्यान से देखने पर हिंदी में भारत और आरबीआई लिखा होता है. यह सिक्योरिटी थ्रेड होता है.
ऑप्टिकल वेरिएबल इंक: ऑप्टिकल वेरिएबल इंक का इस्तेमाल 1000 और 500 के नोट में किया जाता है. नोट के बीच में 500 और 1000 के अंक को प्रिंट करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है. जब नोट को सीधा पकड़ा जाता है तो यह हरे रंग का दिखाई देता है और एंगल बदलने पर इसका रंग बदलता रहता है.
फ्लोरेसेंस: नोट पर नीचे की तरफ विशेष नंबर दिए होते हैं जो कि एक खास सीरीज के तहत होते हें. इन नंबर्स को फोरेसेंस इंक से प्रिंट किया जाता है. जब नोट को अल्ट्रा वॉइलेट लाइट में देखा जाता है तो ये उभर कर दिखाई देते हैं.
इंटेग्लिओ प्रिंटिंग: आपको बता दें कि नोट पर इस्तेमाल की जाने वाली स्याही या इंक विशेष प्रकार की होती है जिसके कारण महात्मा गांधी जी की फोटो, आरबीआई की सील और प्रोमाइसिस क्लॉस, आरबीआई गवर्नर के साइन को छूने पर उभरे हुए महसूस होते हैं.