बाघ के बेहद नजदीक जाकर पीएम ने फोटो ग्राफी क्या की एक नये विवाद को जन्म दे दिया. वन्य जीव से संरक्षण से जुड़े लोगों ने इस पर एतराज जताया और का कि प्रधानमंत्री ने ऐसा करके सही प्रेरणा नहीं दी हैं इन लोगों का कहना था कि प्रधानमंत्री से लोग प्रेरणा लेते हैं अगर वो बाघ के बाड़े के इतने पास जाकर फोटो खिंचाएंगे तो बाकी लोग भी नियमों का उल्लंघन करेंगे
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में टाइगर सफारी देखने गए मोदी इतने मुग्ध हो गए कि बाघ के बाड़े के बेहद करीब पहुंचकर फोटो खींचने की इच्छा जताने लगे. उन्होंने एसपीजी के एक अधिकारी को कैमरा लाने के निर्देश दिए. फौरन मोदी के हाथो में कैमरा आ गया. देखते ही देखते मोदी बाघ के करीब पहुंच गए. फिर उन्होंने कई एंगलों से बाघ की तस्वीरे खिंची. मोदी को तस्वीरें खीचते समय बड़ा मजा आ रहा था. जितने वक्त तक मोदी बाघ के करीब रहे एसपीजी समेत सुरक्षाकर्मियों की निगाहे उन पर गड़ी रहीं. हालांकि कांटों की जाली के भीतर कैद बाघ बेफिक्र नजर आया. वन्य संरक्षण से जुड़े लोगों का कहना है कि ये प्रधानमंत्री की तरफ से सही नज़ीर नहीं है. एक बड़े अधिकारी ने बताया कि वो सेवाओं में होने के कारण खुलकर तो सामने नहीं आ सकता लेकिन जो हुआ वो नहीं होना चाहिए था. उन्होंने कहा ईश्वर न करे लोग इससे प्रेरणा लें वरना आने वाले समय में बडी दुर्घटना भी हो सकती है. जानवर भी परेशानी महसूस करते हैं
हालांकि प्रधानमंत्री का छत्तीसगढ़ दौरा महज ढाई घंटे का रहा. लेकिन इतने कम समय में उन्होंने आधा दर्जन से ज्यादा यादगार पल वहां बिताए. इसमें सबसे ज्यादा चर्चित रहा जंगल सफारी का दौरा. नए रायपुर में करीब 320 हेक्टेयर क्षेत्र में 200 करोड़ की लागत से यह मानव निर्मित जंगल सफारी बनी है. इसमें शेर, बाघ समेत दूसरे और वन्य जीवो को प्राकृतिक वातावरण मुहैया कराया गया है. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रधानमंत्री मोदी को मुख्यमंत्री रमन सिंह ने जंगल सफारी की सैर कराई.