मुलायम सिंह की अंतरआत्मा बार बार कह रही है कि मुझ पर एक एहसान करना मुझ पर कोई एहसान न करना लेकिन अमरसिंह हैं कि एहसान पर एहसान किए जा रहे हैं. नेताजी के भाई हैं अमर सिहं वो उनके एहसान तले पहले से भी दबे हुए हैं लेकिन अमरसिंह ने कर दिया फिर एक एहसान. इस बार जो एहसान किया वो छोटा मोटा एहसान नहीं है. समाजवादी पार्टी की रजत जयंती के ऐतिहासिक मौके पर मंच से गायब होने का. सूत्रों का कहना है कि अमरसिंह समारोह में नहीं गए. उन्हें डर था कि वो गए तो बवाल हो सकता है. हो सकता है कि अखिलेश यादव भड़क जाएं. हो सकता है शिवपाल और अखिलेश में फिर दरार पड़े. न जाकर समाजवादी पार्टी पर अमरसिंह ने फिर एहसान किया. अखिलेश समर्थक एक कार्यकर्ता की इसपर प्रतिक्रिया थी- अमरसिंह अगर कोई सबसे बड़ा एहसान करना चाहते हैं तो वो ये है कि वो समाजवादी पार्टी से वापस चले जाएं.
अमरसिंह ने समारोह में न पहुंचने के संकेत पहले ही दे दिए थे. दरअसल अमर को लग रहा था कि अगर वह रैली के मंच पर पहुंचे और वहां अखिलेश से आमना-सामना होने पर अगर बात बिगड़ गई, तो यादव परिवार में फिर तल्खियां बढ़ सकती हैं.
बताया जा रहा है कि जब अमरसिंह ने समारोह से दूर रहने की इच्छा जताई तो मुलायम सिंह मामूली ना नुकुर से मान गए. क्यों कि अमरसिंह के मंच पर न रहने से तो चल गया लेकिन अगर अमरसिंह के चक्कर में अखिलेश न आते तो काम कतई न चलता. इस बात की पूरी संभावना थी कि अमरसिंह के होने पर अखिलेश यादव समारोह में आते ही नहीं. इसलिए अमरसिंह को बाहर रहने के लिए मनाया गया. जानकारों का कहना है कि अमरसिंह को बाहर रहने के लिए कहा गया. उनसे कहा गया कि वो न आएं और सार्वजनिक रूप से कहें को वो खुद नहीं आए.
अमरसिंह को जानने वाले पत्रकार कहते हैं कि अमरसिंह दरअसल नहीं चाहते थे कि अगर संबंध पहले के मुकाबले सुधर रहे हैं, तो उनके समारोह में पहुंचने पर अगर बात बिगड़ी तो एक बार फिर उन्हीं पर सवाल उठाए जाते. ऐसे में अमरसिंह नहीं चाहते थे कि उनकी वजह से कोई विवाद पैदा हो, इसी के चलते उन्होंने खुद ही आयोजन से दूरी बना ली.
‘अमरप्रेम’ की अमर कहानी
समाजवादी पार्टी में चाचा और भतीजे के बीच मचे पारिवारिक घमासान के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अमरसिंह को जिम्मेदार ठहराया था. लेकिन नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव की राय इससे बिल्कुल जुदा थी.
24 अक्तूबर को लखनऊ में समाजवादी पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक के दौरान अखिलेश, शिवपाल और मुलायम तीनों ने कार्यकर्ताओं के सामने अपनी बात रखी. इस दौरान अखिलेश ने अपनी बात पर कायम रहते हुए कहा कि अमरसिंह ही कलह के लिए जिम्मेदार हैं. हालांकि नेताजी ने कहा था कि अमर और शिवपाल को वह नहीं छोड़ सकते.
भरी सभा में अखिलेश ने कहा था कि अमर की वजह से ही एमएलसी आशु मलिक ने एक अंग्रेजी अखबार में उन्हें औरंगजेब और नेताजी को शाहजहां जैसा बताने वाला लेख छपवाया था. हालांकि अमरसिंह ने अपनी सफाई में कहा था कि बाप और बेटे में लड़ाई करवाकर उन्हें क्या हासिल होगा?