सुप्रीम कोर्ट में हट जाएगा NDTV का प्रतिबंध? ये रहे सबूत

भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टीवी चैनल एनडीटीवी इंडिया पर पठानकोट हमले के दौरान संवेदनशील जानकारी सार्वजनिक करने के आरोप में एक दिन का प्रतिबंध लगाया है। सोमवार (7 नवंबर) को एनडीटीवी ने इस प्रतिबंध के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।एनडीटीवी इंडिया को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 29 जनवरी को कारण बताओ नोटिस भेजा। इस नोटिस में चैनल से चार जनवरी को पठानकोट आतंकी हमले के दौरान संवेदनशील जानकारियां सार्वजनिक करने के बारे में सफाई मांगी गई। नोटिस में कहा गया कि हमले की रिपोर्टिंग करते समय एनडीटीवी इंडिया ने एयरबेस में मिग विमान, लड़ाकू विमान, रॉकेट लान्चर, मोर्टार, हेलीकॉप्टर, ईंधन टैंक जैसे आयुध की मौजूदगी की सूचना दी जिसकी वजह से ये आयुध आतंकियों के हाथ में पड़ सकते थे और राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा पहुंच सकता था। इससे सेना के जवानों और आम नागरिकों की जान की खतरा हो सकता था।

नोटिस में कहा गया कि चैनल ने एयरबेस में मौजूद स्कूल और रिहायशी इलाके की भी जानकारी सार्वजनिक की जिसका इस्तेमाल आतंकियों के सहयोगी कर सकते थे और स्कूल और रिहायशी इलाकों के मासूमों की जान खतरे में पड़ सकती थी। मंत्रालय के नोटिस में एनडीटीवी इंडिया के प्रसारण का वो हिस्सा भी संलग्न जिसमें कथित जानकारियां सार्वजनिक की गई थीं। चैनल ने मंत्रालय को दिए जवाब में कहा कि उसने हमले की रिपोर्टिंग के दौरान ऐसी कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की जो पहले से सार्वजनिक न हो। चैनल के जवाब से संतुष्ट नहीं के बाद नौ नवंबर को 24 घंटे के लिए एनडीटीवी इंडिया के प्रसारण पर रोक लगाने का आदेश दिया गया। आइए देखते हैं कि क्या सचमुच एनडीटीवी इंडिया ने पठानकोट हमले के दौरान ऐसी कोई जानकारी सार्वजनिक की थी जो पहले से सार्वजनिक नहीं थी।

मंत्रालय ने एनडीटीवी इंडिया के प्रसारण के जिस हिस्से पर आपत्ति जताई है- संवाददाता: “दो आतंकी जिंदा है, और उसी जगह पर हथियारों का डिपो जाओ वहाँ बिलकुल उनके करीब है. और हमारी सेना के जवान, NSG के जवान आतंकियों से लोहा ले रहे है, उनको डर इस बात का कई, चिंता इस बात का है, कहीं आतंकियों की पहुँच उस हथियार के डिपो तक हो जाती है, तो फिर उन आतंकियों से निपटना आसान नहीं होगा, बहुत मुश्किल हो जाएगा. क्योंकि उस हथियार के डिपो में राकेट लांचर, मोर्टार जैसे कई हथियार हैं, जो और ज्यादा तबाही मचा सकते हैं।”

बैन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा एनडीटीवी

संवाददाता: “दो आतंकियों का ग्रुप आया था, जो कही इधर-उधर गए होंगे, हो सकता है ठीक उसके सामने वहां एअरपोर्ट भी है, दूसरा आर्मी का बेस भी है, तो कहीं भी जा सकते हैं. इस तरह पूरी पक्की सावधानी के साथ चप्पे-चप्पे में छान लेना चाहते हैं, उसके बाद ही यह ऑपरेशन को खत्म करने का ऐलान किया जायेगा.”

एंकर: “साथ ही आखिरी सवाल राजीव, जैसे की बड़े इलाके में एयरफोर्स बसे फैला हुआ है, जिसमें परिवार भी है, स्कूल भी है शायद, वहाँ हेलीकाप्टर भी है, मिग है तो इतने बड़े इलाके में जब छानबीन की जाती है, इतने बड़े इलाके में फिजिकली जाकर जब इंस्पेक्ट किया जाता है तो चुनौतियां क्या रहती हैं?”

संवाददाता: “बिलकुल चुनौतियां बहुत ज्यादा और खासतौर से शुरू से ही जैसे की पठानकोट एयरबेस पर आतंकियों ने हमला किया, तो वहाँ जो एयरफोर्स के जवान थे स्पेशल फ़ोर्स के जवान थे, उनको चिंता इस बात की थी कि वह टेक्निकल एरिया में न जा पायें…आपको यह बता दें कि वहाँ टेक्निकल एरिया में मिग-21, बीसों अटैक हेलीकाप्टर, MI-35, MI-25 है, और यहाँ फ्यूल टैंक वहाँ पर मौजूद था, यह बहुत बम की तरह होते हैं, अगर आतंकी वहां पहुँच जाते तो उस इलाके में बस तबाही का अंदाज़ा ही लगाया जा सकता है, चूंकि आज पठानकोट एयरबेस जो है वहां सिविलियन आबादी के बिलकुल करीब पहुंच जाते, तो तबाही बहुत भारी भरकम होती. उनकी कोशिश यह थी की आतंकियों को डोमेस्टिक एरिया में लिमिट किया जाए, एक छोटे से एरिया में लिमिट किया जाए ताकि अपने ऑपरेशन को बेहतर तरीके से चला सके और आतंकी ज्यादा डैमेज ना कर पाएं”

एनडीटीवी इंडिया के विवादित सजीव प्रसारण से पहले सेना द्वारा दी गई जानकारियां- एनडीटीवी के इस सजीव प्रसारण से ठीक पहले सेना के तीन प्रवक्ताओं ने पत्रकारों को पठानकोट हमले के बारे में जानकारी दी जिसका सीधा प्रसारण ज्यादातर चैनलों ने किया। इन सैन्य अधिकारियों ने पत्रकार वार्ता में जो जानकारी दी उसके अंश नीचे दिए जा रहे हैं:

एयर ऑफिसर कमांडिंग जेएस धूमन: “ऑपरेशन अभी भी जारी है, और जैसा की आपको बताया है, यह काफी बड़ा एयरबेस है, स्ट्रेटेजिक एसेट्स के अलावा यहाँ पर काफी फॅमिली रहती हैं, स्कूल है, यह एक मिनी-सिटी है”

ब्रिगेडियर अनुपिंदर सिंह: ये आतंकवादी काफी तैयारी के साथ आए हैं। वो महत्वपूर्ण पठानकोट एयरबेस में मौजूद कीमती युद्ध सामग्री को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिनमें एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर भी शामिल हैं।

ब्रिगेडियर अनुपिंदर सिंह: आतंकवादी एक दो मंजिला इमारत में घुस गए हैं, जिसमें वायु सेना के कर्मचारी रहते हैं। अभी इमारत को आतंकियों से खाली कराने के लिए ऑपरेशन अभी जारी है।

एनडीटीवी की खबर से पहले विभिन्न समाचार पत्रों पर प्रकाशित जानकारियां- एनडीटीवी की रिपोर्ट से दो दिन पहले दो जनवरी को इंडिया टूडे वेबसाइट ने एक खबर में लिखा था, “आतंकियों को एयरबेस के डोमेस्टिक एरिया में घेर लिया गया है और बेस में मौजूद मिग-29 फाइटर जेट और हेलीकॉप्टरों कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।”

एनडीटीवी की रिपोर्ट से एक दिन पहले तीन जनवरी को इंडियन एक्सप्रेस में रिपोर्ट थी, “भारतीय वायुसेना के सूत्रों के अनुसार एयरबेस में मिग-21 फाइटर जेट, एमआई-35 हेलीकॉप्टर, मिसाइल और दूसरी कई महत्वपूर्ण युद्ध सामग्री सुरक्षित है और आतंकियों को टेक्निकल एरिया के नजदीक जाने से रोक दिया गया है जहां पर ये महत्वपूर्ण आयुध रखे हैं।”

तीन जनवरी को ही टाइम्स ऑफ इंडिया ने रिपोर्ट की, “एयरबेस में मिग-21 फाइटर जेट, एमआई-35 हेलीकॉप्टर के अलावा जमीन से हवा में मार करने वाली पेचोरा मिसाइल और दूसरी कई मिसाइल और सर्विलांस राडार हैं।”

तीन जनवरी को ही टेलीग्राफ, ट्रिब्यून इत्यादि अखबारों ने भी अपनी-अपनी रिपोर्ट कमोबेश ऐसी ही जानकारियां दी थीं। इसके अलावा आज तक, इंडिया टीवी, न्यूज 24, एबीपी न्यूज जैसे चैनलों पर भी पठानकोट हमले की रिपोर्टिंग के दौरान ऐसी जानकारियां दी जा रही .

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