ब्लैकमनी पर मोदी की सर्जीकल स्ट्राइक का असर क्या होगा किसी को नहीं पता लेकिन रात भर नोटों की मार से बचने के लिए लोग परेशान होते रहे. आम लोग आधीरात को एटीएम पर लाइन लगाकर खड़े थे ताकि ज़रूरत भर के लिए कुछ नकदी निकाल ली जाए. 9 और 10 नवंबर को एटीएम बंद होने हैं इसलिए वहां से कैश मिलने की कोई गुजाइश नहीं थी. 500 और हज़ार रुपये के नोट दुकानदारों ने लेना बंद कर दिए थे. रोजमर्रा की छोटी ज़रूरतें जैसे सब्ज़ी दूध के लिए पैसे का संकट हो गया था. लोग एटीएम पर गए और 400 रुपये के ट्रांजिक्शन कई बार किए. कई बैंकों के एटीएम में बड़े नोट थे और वो वीरान पड़े थे. छोटे नोट वाले एटीएम में लाइनें लगी हुई थीं.
बिग बाज़ार समेत कई रिटेल स्टोर्स ने आपने आउटलेट्स रात 12 बजे तक खोलकर रखे ताकि 500 और 1000 रुपये के नोट वाले खरीददारी कर सकें. लेकिन यहां भी खुले पैसों का संकट था इसलिए लोगों को असुविधा हुई.
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जहां लोगो एटीएम से छोटे नोट निकाल रहे थे वहीं बैंकों के ई कॉर्नर में पैसे जमा कराने वालों की लाइनें भी देखी गईं. सबसे ज्यादा भीड़ सोना चांदी के व्यापारियों के यहां देखी गई. रातों रात काला धन रखने वाले लोगों ने करोड़ों का सोना खरीदा. सोने चांदी के व्यापार में तो जैसे पंख लग गए. कई चैनलों ने सोना चांदी खरीदते अफसरों को रंगे हाथ पकड़ा. सुनारों की दुकानें बाहर से बंद थीं और शटर डालकर लेनदेन चल रहा था.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा व्यापार मंडल के चेयरमैन रोशनलाल गुप्ता ने कहा कि इस फैसले से सबसे अधिक चिंता तो अफसरों की बढ़ने वाली है. व्यापार पर क्या असर पड़ेगा, इसका पता तो बाद में चलेगा. सरकार ने सबको चौंका दिया है.
समान नागरिक संहिता संस्था के संयोजक नेमचंद जैन ने कहा कि वर्ष 1978 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने भी 1000 रुपए के नोट पर पाबंदी लगाई थी. अब नरेंद्र मोदी ने यह कारनामा कर दिखाया है.
हरियाणा चैंबर आफ कामर्स के पूर्व सचिव विनोद खंडेलवाल ने कहा कि काला धन तो भ्रष्ट अफसरों के पास है, लेकिन इससे परेशानी आम लोगों को होगी. जिस व्यापारी का खुदरा कारोबार है, जिसका नगद का काम है, वह आगे क्या करेगा. सरकार ने इसका निदान नहीं बताया. खंडेलवाल ने कहा कि दो-चार हजार की खरीदारी करने वाले क्या करेंगे.
हरियाणा चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज, पानीपत चैप्टर के प्रधान प्रीतम सिंह सचदेवा ने कहा कि इससे इंडस्ट्री को कोई नुकसान नहीं होगा. गलत काम करने वाले तो जरूर परेशान होंगे. भ्रष्टाचार कम होगा, लेकिन सरकार को कुछ समय देना चाहिए था. साथ ही सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे कि सही लोगों को कोई परेशानी हो.
बार चैंबर कंस्ट्रक्शन सोसायटी के पूर्व प्रधान एडवोकेट रितेश शर्मा ने कहा कि इससे न्यायिक फैसले में भी पारदर्शिता आएगी. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश खुद कह चुके हैं कि न्यायालय में भ्रष्टाचार सबसे अधिक है, इस फैसले का असर न्यायालय में भी होगा. उम्मीद की जानी चाहिए कि अब लोगों को और अधिक इंसाफ मिलेगा.
पानीपत एक्सपोर्टर एसोसिएशन के प्रधान रमेश वर्मा ने कहा कि इस साहसिक फैसले से देश तरक्की करेगा. जिसके पास करोड़ों की ब्लैकमनी है, मुसीबत उनके लिए है. इससे आतंकवाद भी कम होगा. पैसे बांटकर पत्थर फिंकवाने वाले और आतंकवादियों को फंडिंग करने वालों पर इससे रोक लगेगी. आतंकवाद को फंडिंग नहीं होगी तो आतंकवाद भी कम होगा.
पानीपत. देरशाम पेट्राेल पंपों पर वाहन चालकों की भीड़ रही. दिक्कत खुले पैसे की.