नई दिल्ली: वित्तमंत्री अरुण जेटली ने उस खबर का खंडन किया है जिसमें 2000 रुपये के नोट में जीपीएस होने की बात की गई थी. खबरों में बताया गया था कि 2000 रुपये के नोटों में नैनो जीपीएस चिप लगी है. जिसके ज़रिए सरकार आसानी से पता लगा सकेगी कि 2000 रुपये के नोट कहां इकट्ठा किए गए हैं. कुछ लोगों का मानना था कि इस चिप को खराब करने के तरीके भी निकाले जाएंगे . इलैक्ट्रॉनिक एक्सपर्ट का कहना है कि हाई मैग्नेटिक फील्ड वाली जगह से निकालने पर नोट की नैनो चिप को खराब किया जा सकेगा. एक्सपर्ट ये भी कह रहे हैं कि इस चिप को जैमर लगे चेस्ट में रखने से भी ट्रैक करने से रोका जा सकता है जानिए क्या थी पूरी खबर
- 2000 के नोट पर लगी होगी चिप
- 500 और 2000 रुपए के नए नोट 10 नवंबर को जारी होंगे. इसमें नैनो जीपीएस चिप (एनजीसी) लगा होगा. इसमें पावर सोर्स नहीं होता.
- यह सिग्नल रिफ्लेक्टर की तरह काम करता है. सैटेलाइट से सिग्नल छोड़ने पर एनजीसी से रिफ्लेक्ट होगा. इससे नोट की लोकेशन का पता चल जाएगा.
- 120 मीटर जमीन के अंदर भी नोट का पता चल जाएगा
- सैटेलाइट सिग्नल से पता चलेगा कि किसी खास लोकेशन में कितने नोट हैं. जांच एजेंसियों को इसका पता रहेगा.
- जमीन के भीतर 120 मीटर गहरे गड्ढे में भी यह सिग्नल पकड़ेगा. नोट को नष्ट किए बिना जीपीएस चिप को निकालना संभव नहीं होगा.
- बड़ी स्क्रीन में पीपीटी यानी पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन खुद जेटली ने दिखाई. दोपहर 2.30 से 2.50 बजे तक फाइनेंस मिनिस्टर के साथ हुई मीटिंग में आरबीआई के सभी मैनेजरों से 20 मिनट में नोट बंद करने को लेकर सुझाव मांगे गए.