अगर आप प्राइवेट नौकरी करते हैं और आपकी कंपनी आपको नकद पैसों में वेतन देती है तो सरकार का नया फैसला आपको फायदा भी पहुंचा सकता है. पीएम मोदी के फैसले से बड़ी संख्या में प्राइवेट कर्मचारियों की ज़िदगी बदलने वाली है. हो सकता है उन कर्मचारियों का पीएफ भी कटने लगे जिन्हें एम्प्लायर वाउचर पेमेन्ट के ज़रिए वेतन दिया करते थे या वेतन का एक हिस्सा देते थे.
8 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने काला धन और नकली नोटों पर रोक लगाने के लिए 500 और 1,000 के नोट बंद कर दिए हैं. टीमलीज सर्विसेज की को-फाउंडर रितुपर्णा चक्रवर्ती कहती हैं, ‘मोदी जी का यह कदम कुछ एम्पलॉयर्स को जरूर प्रभावित करेगा.’
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार, रियल-एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर की फील्ड में ज्यादातर सैलरी कैश में दी जाती है. इन मामलों के जानकारों का मानना है कि अघोषित इक्नॉमी जल्द ही ऑर्गनाइज्ड सेक्टर में चले जाएंगे, जिससे एक बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. साथ ही कैश ट्रान्जेक्शन के कम हो जाने से ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी प्रोविडेंट फंड की सीमा में आएंगे.
रैंडस्टैंड इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मूर्ति के उप्पालुरी का कहना है, ‘इस बदलाव से ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को फायदा पहुंचेगा क्योंकि इससे वो प्रोविडेंट फंड, मेडिकल क्लेम और भी अन्य सुविधाओं के हकदार होंगे.’
एक्जिक्यूटिव सर्च फर्म एक्जीक्यूटिव एक्सेस के मैनेजिंग डायरेक्टर रोनेश पूरी का भी कुछ यही मानना है. रोनेश कहते हैं, ‘मोदी जी का यह कदम कंपनियों को उनकी सैलरी स्ट्रक्चर पर दोबारा विचार करने पर मजबूर कर सकता है.’
हालांकि ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों के साथ कैश में डील नहीं करती हैं. इसलिए उन पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा. input-aajtak.com