मोदी की काले धन को खत्म करने की स्कीम से नकली हो या असली मुस्कान सबके चेहरे पर है. जिन्हें लाइनों में लगकर दिन खराब करना पड़ रहा है वो भी मोदी की नीति की तारीफों में कसीदे काढ़ रहे हैं. जिनके बच्चों को दूध नहीं मिल रहा वो भी कह रहे हैं कि थोड़ी तकलीफ है लेकिन सब ठीक हो जाएगा. सुखभरी इन कहानियों के बीच ये कई दर्दनाक कहानियां है.
1.
गुवाहाटी के कुमार पारा इलाके के एक निवासी दीनबंधु ने अपनी बेटी की शादी के लिए मंगलवार को जमीन बेचकर यह धनराशि घर में रख ली थी लेकिन रात को 500 और 1000 के नोटों के चलन पर रोक की खबर सुनकर बेहोश हो गया. उसने उसी रात कई एटीएम में पैसे जमा कराने की कोशिश की लेकिन विफल रहा. दीनबंधु के परिवार के सदस्यों के अनुसार, वह बहुत परेशान था तथा रात को बिना कुछ खाए सो गया. जब सुबह वह शौचालय के लिए जाने लगा तभी दिल का दौरा पड़ गया तथा मौके पर ही उसकी मौत हो गई.
2.
कुशीनगर की रहने वाली राम प्रसाद की पत्नी तीर्थराजी देवी के साथ हुआ है. तीर्थराजी देवी इलाके में ही मजदूरी का काम करतीं थीं जबकि उनका पति रामप्रसाद लोगों के कपड़े धोने का काम करता है. कप्तानगंज क्षेत्र के खबराभार गांव के करनहा टोला के रामप्रसाद कपड़ा धुलाई का काम करते हैं. रामप्रसाद ने बताया कि इसी कमाई से किसी तरह पूरे परिवार का खर्चा चल रहा है. पत्नी तीर्थराजी देवी ने इसी गाढ़ी कमाई से बचत-बचत कर-कर के चार हजार रुपए जमा किए थे. गुरुवार को अपनी बचत के एक-एक हजार के चार नोट लेकर सेंट्रल बैंक में जमा करने आयी थीं. उसे नहीं मालूम था कि आधी रात के बाद से ही 500 और 1000 के नोट पर सरकार ने बैन लगा दिया है.
3.
नोटों के बंद होने की घोषणा के बाद शिवसागर जिले के जीतू रहमान को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. रहमान ने अपने भाई की शादी के लिए विभिन्न स्रोतों से तीन लाख रुपये घर में जमा कर रखे थे.
4.
खुर्जा के रहने वाले अभिषेक का कहना है कि वो अपनी पत्नी एकता की डिलीवरी के लिए निजी अस्पताल कैलाश गया था. अस्पताल वालों ने उससे 10,000 रुपए जमा कराने के लिए कहा था. जब वो पैसे लेकर काउंटर पर पहुंचा तो अस्पताल वालों ने 1000 के नोट देखकर पैसे लेने से मना कर दिया. इस पर अभिषेक अस्पताल वालों से मिन्नतें करने लगा कि वो बाद में बदल कर ला देगा फिलहाल इसे जमा कर लिया जाए. अभिषेक के मुताबिक अस्पताल ने एक नहीं सुनी और पत्नी की डिलीवरी में देरी की वजह से उसकी बच्ची की मौत हो गई.
5.
कुशीनगर में एक बैंक में बुधवार को पैसा जमा करने आई 60 वर्षीय एक वृद्धा की हृदय गति रुकने से मौत हो गई. स्थानीय निवासी वृद्धा तीर्थराजी देवी बुधवार को सुबह सेंट्रल बैंक पहुंची. उसके पास एक हजार के दो नोट थे. वहां मौजूद लोगों ने बताया कि बैंक बंद है और पैसा नहीं जमा हो रहा है, इस पर महिला वहीं गिर पड़ी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
परिजनों का कहना था कि नोट बंद किए जाने की सूचना सुबह घर पर मिली तो वृद्धा चितित हो गईं और घर में रखे एक-एक हजार के दो नोट जमा करने के लिए पासबुक लेकर चली आईं. घर की माली हालत ठीक नहीं है, यह दो हजार रुपये हमारे लिए बहुमूल्य थे. 500 का नोट लेकर कफन के लिए भटकता रहा युवक 11 नवंबर तक सरकारी अस्पतालों, रेलवे टिकट काउंटरों और कब्रिस्तान-श्मशान घाटों आदि पर 500 और 1000 रुपये के नोटों का इस्तेमाल किया जा सकता है.
6.
बावजूद, अपनी मां के कफन के लिए 500 रुपये का नोट लेकर मधेपुरा निवासी इनामुल हक भटकता रहा. बुधवार सुबह को इनामुल की मां हंसमून निशा (60) की मौत हो गई. इनामुल कफन खरीदने बाजार गया. कोई भी दुकानदार उसे कफन देने को तैयार नहीं हुआ. उसके पास सिर्फ 500 और 1000 रुपये के ही नोट थे..
बावजूद, अपनी मां के कफन के लिए 500 रुपये का नोट लेकर मधेपुरा निवासी इनामुल हक भटकता रहा. बुधवार सुबह को इनामुल की मां हंसमून निशा (60) की मौत हो गई. इनामुल कफन खरीदने बाजार गया. कोई भी दुकानदार उसे कफन देने को तैयार नहीं हुआ. उसके पास सिर्फ 500 और 1000 रुपये के ही नोट थे.
7.
गुड़गांव के मेदांता हॉस्पिटल में डेबिट कार्ड से भुगतान करने के बाद परिजन सीआरपीएफ एएसआई अखिलेश सिंह भदौरिया का शव भिंड लाया गया. शहर में स्थानीय मुक्तिधाम में शव को अंतिम संस्कार के लिए लाया गया. श्मशान के बाहर से चिता के लिए लकड़ी खरीदने भी परिजन को 100 के नोटों का इंतजाम करना पड़ा. लकड़ी विक्रेता ने भी 500 और 1000 रुपए का नोट नहीं लिया.