500 और 1000 के नोट बंद करने के एलान के दो दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहली बार मुंह खोला है. केजरीवाल ने अपने संदेश में कहा है कि सरकार का फैसला कालाधन रखने वालों के हक में है. ये है कालाधन रखने वालों को बचाने की. केजरीवाल के इस वीडियों में कहा है कि मोदी अपने भाषण में कहते थे कि देश का बच्चा बच्चा जानता है काला धन किसके पास है लेकिन मोदी जी ने उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया. स्विस बैंक में अकाउंट रखने वालों की लिस्ट आई उसमें अंबानी भाइयों और उनकी मां का नाम था मोदी ने कतई जिक्र नहीं किया.
केजरीवाल ने कहा कि मोदी के फैसले से सुभाष चंद्रा. शरदपवार जैसे लोग खुश है जबकि आम आदमी पिस रहा है. उन्होंने कहा कि एटीएम में कुछ दिन पहले से ही अगर सिर्फ 100 रुपये के नोट भरने शुरू कर दिए जाते तो ये समस्या ही नहीं होती. लोग आत्महत्या कर रहे हैं और मोदी उन्हें मुसीबत में डालकर विदेश चले गए.
केजरीवाल ने कहा है दो हजार का नोट चलाने से कालाधन या भ्रष्टाचार कैसे खत्म होगा? केजरीवाल ने कहा, अब अफसर को रिश्वत देने और कालाधान जमा करने में सहूलियत होगी क्योंकि नोट की संख्या आधी रह जाएगी.
केजरीवाल ने अपने संदेश की शुरुआत में कालेधन के खिलाफ आम आदमी पार्टी के योगदान का जिक्र किया और कहा, हम लोग भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ रहे हैं, उसके लिए कदम उठाया जाएगा तो हम स्वागत करेंगे लेकिन दो दिन एक्सपर्ट और तमाम लोगों से बात करके ये बात समझ में नहीं आ रही है कि 1000 का नोट बंद करके 2000 का नोट लाने से कालाधन या भ्रष्टाचार कैसे बंद होगा. जिनके बिस्तर या कमरे में करोड़ों रुपये थे, उन्हें दो हजार के नोट मिल जाएंगे तो सहूलियत हो जाएगी.
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि जिनके पास सबसे ज्यादा धन है, उन्हें एक हफ्ते पहले बता दिया था. उन्होंने पैसा बाहर भेजकर, जमीन या सोना खरीदकर इंतजाम कर लिया.
भाजपा यूपी या अन्य राज्यों में चुनाव लड़ने वाली है, इन्होंने 100-100 के नोट ले लिए या कुछ और इंतजाम कर लिए. मर रही है तो आम जनता. जिनके पास बड़ा काला धन है, वो तो बता रहे हैं कि होम डिलीवरी हो जाएगी, परसों तक दो हजार के नोट आ जाएगा, 15-20 फीसदी कमीशन लगेगा.
केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि लाइन में बड़े लोग नहीं आए. दुकानदार, रिक्शे वाला, ऑटोवाला, किसान मजदूर, क्या काला पैसे इन्हीं के पास है. पूरे देश में कमीशनखोरी, दलाली शुरू हो गई. प्रधानमंत्री जी आपकी नीयत में खोट है.
अगर 1000 रुपये का नोट बंद कर देते तो समर्थन करते लेकिन दो हजार का नोट चालू करने का मतलब है कि कुछ न कुछ गड़बड़ कर रहे हैं. गरीब आदमी ने जो खून-पसीने की कमाई करके 4-5 लाख रुपये जमा किए थे, आज बेटी की शादी करनी है. उससे दो सौ फीसदी पैनाल्टी लोगों लेकिन बड़े लोगों से पैनल्टी लेने की हिम्मत नहीं है. भगवान माफ नहीं करेगा.