नई दिल्ली: कांग्रेस के वाइस-प्रेसिडेंट राहुल गांधी लगता है ज़िंदगी भर स्टडी मोड में रहने वाले हैं. कभी वो गरीब के घर रात बिताकर उसे समझने की कोशिश करते हैं तो कभी गांव में जाकर. वो अक्सर यही कहते हैं कि मैं लोगों के सात रहकर उनकी परेशानी समझना चाहता हूं.
जब पुराने नोट बंद करके सरकार ने लोगों को मजबूर किया कि वो या तो दो घंटे लाइन में बिताएं वरना सब्ज़ी और दूध को भी तरसें तो राहुल गांधी उनका ये अनुभव भी बांटने पहुंच गए. राहुल पैसा निकालने के लिए दिल्ली के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की पार्लियामेंट स्ट्रीट ब्रांच पहुंचे थे. यहां वे लोगों के साथ लाइन में लगे. राहुल ने कहा, ”मैं यहां 4 हजार बदलने आया हूं. मुझे यहां अंदर (बैंक के भीतर) कर दिया है. मैं लाइन में लगना चाहता हूं. लोगों का दर्द बांटने आया हूं.”
वहां मौजूद रिपोर्टर्स ने राहुल से 500-1000 के नोट बंद किए जाने पर सवाल किया तो उन्होंने कहा, ”न मीडिया को समझ आएगा और न उनके करोड़पति मालिकों को और न ही प्रधानमंत्री जी को’मेरे लोगों को कष्ट हो रहा है. मैं उनके साथ खड़ा हूं.”’सरकार 15-20 करोड़पतियों के लिए नहीं चलनी चाहिए, गरीबों और आम लोगों के लिए चलनी चाहिए. राहुल ने बैंक में नोट बदलने वाला फॉर्म लेकर भी देखा. कुछ लोगों ने उनके साथ सेल्फी ली. इस दौरान ब्रांच में एसपीजी सिक्युरिटी पर्सनल्स मौजूद थे, जिसके कारण आम लोगों को दिक्कतें भी हुईं.