भारतीय स्टेट बैंक ने मान लिया है कि विजय माल्या को दिया गया उसका लोन डूब गया है. इसके अलावा 63 और कारोबारियों के पैसे बैंक ने डूबत खाते में डाल दिए हैं. इसके साथ ही बैंक ने अपने बकाया माफ कर दिए हैं. इन 63 लोनदारों का करीब सात हजार करोड़ रुपये का बकाया था जो अब नहीं मिलेगा. ये राशि एसबीआई के शीर्ष 100 लोन डिफाल्टरों (बकाया नहीं चुकाने वाले) पर बाकी कुल राशि का करीब 80 प्रतिशत है. बैड लोन (वसूला न जा सकना वाला लोन) का मुद्दा पिछले कुछ सालों से चर्चा में रहा है. कारोबारी विजय माल्या पर विभिन्न बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये का बकाया था. जब सभी बैंक मिलकर बकाया वसूलने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तो माल्या देश से फरार हो गए. डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार एसबीआई जब बकाया लोन वसूल करने में विफल रही तो उसने शीर्ष 100 जानबूझकर लोन न चुकाने वालों में में से 60 से अधिक पर बकाया 7016 करोड़ रुपये का लोन माफ करने का फैसला कर लिया है.
रिपोर्ट के अनुसार एसबीआई के 63 डिफाल्टरों का पूरा लोन छोड़ दिया है. वहीं 31 लोनदारों का लोन आंशिक तौर पर छोड़ा गया है. छह अन्य लोनदारों पर बकाया लोन को नॉन पर्फॉर्मिंग एसेट (एनपीए) घोषित कर दिया गया है. 30 जून 2016 तक एसबीआई 48 हजार करोड़ रुपये का बैड लोन माफ कर चुका है. हालांकि ये लोन कब माफ किए गए इसकी तारीख नहीं बताई गई है. भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक ने इन लोनदारों का लोन “टॉक्सिक लोन” के मद में डाल दिया है. एडवांस अंडर कलेक्शन अकाउंट (एयूसीए) के तहत “टॉक्सिक लोन” का मतलब होता है बहीखाते से हटा देना. यानी एसबीआई के इस फैसले के बाद विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस समेत 63 लोनदारों का लोन बैंक की बैलेंसशीट से हटा दिया जाएगा. इसका ये अर्थ हुआ कि बैंक अब इन लोनदारों से लोन वसूलेनी की कोशिश बंद कर देगा.
जिन लोगों का लोन छोड़ा गया है उनमें …
- किंगफिशर एयरलाइंस ( करीब 1201 करोड़ रुपये)
- केएस ऑयल (596 करोड़ रुपये),
- सूर्या फार्मास्यूटिकल (526 करोड़ रुपये),
- 4.जीईटी पावर (400 करोड़ रुपये) और
- साई इंफो सिस्टम (376 करोड़ रुपये) शामिल हैं.
डीएनए अखबार ने जब इस मसले पर एसबीआई और लोन छूट का लाभ पाने वाली शीर्ष पांच कंपनियों से संपर्क की कोशिश की तो उसे कोई जवाब नहीं मिला.इन सभी कंपनियों को विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया जा चुका है. किंगफिशर एयरलाइंस पर 17 बैंकों का कुल 6993 करोड़ रुपये बकाया है जिसमें 1201 करोड़ रुपये एसबीआई के हैं.
प्रवर्तन निदेशालय ने शराब कारोबारी विजय माल्या और अन्य के खिलाफ धन शोधन से जुड़े मामलों में 1620 करोड़ रुपये की नई संपत्तियों को कुर्क कर लिया है. यह कार्रवाई धन शोधन से जुड़े मामलों को देखने वाली विशेष अदालत की अनुमति से की गयी. वहीं दिल्ली की अदालत ने विजय माल्या के खिलाफ दो गैर-जमानती वारंट जारी किए हैं. पहला वारंट फेरा के उल्लंघन के एक मामले में सम्मनों की कथित तौर पर तामील न करने पर जारी किया गया है. वहीं दूसरा 2012 में चेक बाउंस को लेकर दायर डीआईएएल की एक याचिका पर जारी किया गया है.