अब अरबपतियों को और VIP लोगों को रुलाने की तैयारी में मोदी, टास्कफोर्स जब्त करेगा खरबों की प्रॉपर्टी, घर बैठेंगे बेईमान चार्टर्ड अकाउंटेेंट

जनता को रुलाने के बाद अब पएम मोदी का अगला प्लान धन्ना सेठों के आंसू निकाल देते हैं. सरकार अब दो नंबर की जायदाद पर निशाना साधने वाली है. सरकार के सूत्रों के मुताबिक नई दिल्ली की अरबों की संपत्ति और हाईवे पर इकट्ठी की गई संपत्तियों की जांच कर रही है. पता किया जा रहा है कि इन संपत्तियों के मालिक की हैसियत इतनी संपत्ति रखने की है भी या नहीं. कहीं उनके नाम से किसी ने करोड़ों अरबों की ज़मीनें दो नंबर के पैसे से तो नहीं खरीद लीं

काले धन के खिलाफ इस बड़ी कार्रवाई के तहत देश के सभी प्रमुख शहरों के हाईवे के पास की जमीनों की जांच शुरू की गई है. इसके अलावा देश के प्रमुख शहरों के वीआईपी इलाको में मौजूद जायदादों की जांच भी की जा रही है. प्रमुख औद्योगिक प्लॉटों और कॉमर्शियल फ्लैटों, दुकानों की जांच की जा रही है.

जांच एजेंसियां काले धन का पता लगाने के लिए ये पता कर रही हैं कि किस के नाम हैं दुकाने और प्लॉट. किसके नाम है बड़े बंगले और औद्योगिक प्लॉट. जांच के दौरान पता चला है कि लुटियन जोन में भी कुछ बंगलों का वास्तविक मालिक कोई और है. जांच के दायरे में रिश्वत और भ्रष्टाचार की रकमों से खरीदे गए कुछ बंगले हैं. एक बंगला जांच बंद करने के नाम पर एक सीए के नाम खरीदा गया. ऐसे सभी मामलों की जांच जारी है.

सरकार ने तमाम विभागों से सरकारी जमीनों का भी ब्यौरा मांगा है. इसके तहत पता लगाया जा रहा है कि कहां कहां कब्जे हैं लिस्ट तैयार की जा रही है. आयकर विभाग और अन्य विभागों की मदद से इन सब प्रॉपर्टीज का वेरीफिकेशन किया जा रहा है. दो सौ से ज्यादा टीमें इन जगहों का सत्यापन कर रही हैं. सरकार की नज़र उन सीए पर भी रहेगी जो इन संपत्तियों की खरीद फरोख्त करने वालों के खातों का सत्यापन करते थे. इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से कहा जाएगा कि ऐसे सीए के खिलाफ एक्शन लया जाए और उन्हें बर्खास्त किया जाए. तथ्य जुटाने के बाद इन मामलों में सरकार कार्रवाई करेगी. इन मामलों में दोषी पाए जाने पर बेनामी ट्रांजेक्शन एक्ट 2016 के तहत कार्रवाई होगी. ये एक्ट एक नवबंर से लागू किया जा चुका है. इसके तहत बेनामी संपत्ति जब्त की जा सकती है और सात साल की सज़ा का भी प्रावधान है.