नई दिल्ली:पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले की तारीफ कर चुके माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने नोटबंदी पर कुछ कहा ही नहीं था लेकिन भक्त मंडली ने बिल गेट्स के नाम से फर्जी खबर बनाई कि बिल गेट्स ने नोटबंदी को शैडो इकॉनमी से बाहर निकलने की दिशा में महत्वपूर्ण और साहसी कदम बताया है. इस खबर के बाद सोशल मीडिया सेल ने जबरदस्त माहौल बनाया और सरकार की शान में कशीदे पढ़े. आखिर में ये खबर झूठ ही निकली
एक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को उन्होंने एक दिन पहले की अपनी राय से पलटते हुए कहा कि डीमॉनेटाइजेशन पर उनकी कोई राय नहीं है. मोदी सरकार के फैसले को लेकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
एक पत्रकार ने बिल गेट्स से पूछा, ‘हमने आज के अखबारों में देखा कि आपने मोदी सरकार की ओर से नोटबंदी के फैसले की तारीफ की है. क्या आप मानते हैं कि लोगों का अपने ही पैसे के लिए लाइन में लगना गुड गवर्नेंस है.’ इस पर बिल गेट्स ने जवाब दिया, ‘मुझे इस पर कुछ नहीं कहना है. किसी ने मेरी राय नहीं ली है.’
अपने पिछले बयान पर सफाई को लेकर उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात का पहले ही जवाब दे चुका हूं. नोटबंदी से पहले या बाद में मुझसे किसी ने भी राय नहीं ली. जितना मैं जानता हूं कुछ दिनों पहले मैंने इसके बारे में अखबारों में पढ़ा था. जब मैं एयरपोर्ट पर था, तब लंबी लाइनें लगी हुई थीं. किसी ने इस पर ध्यान दिलाया और कहा कि यह नोटबंदी के चलते है. मैं डीमॉनेटाइजेशन से भी अलग डिजिटाइजेशन के बारे में सोचता हूं.’ बिल गेट्स ने कहा, ‘निश्चित तौर पर मैं डिजिटाइजेशन का सपोर्टर हूं. डीमॉनेटाइजेशन के बारे में मेरी कोई राय नहीं है.’