- मोदी सरकार देश को समाजवाद के रास्ते पर ले जा रहे हैं.
- क्या मोदी कम्युनिष्टों के दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं?
- क्या मोदी का रास्ता वही है जो कार्लमार्क्स ने दिखाया था?
- क्या मोदी भारत में समाजवाद लाना चाहते हैं?
जीहां कम से कम केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती का यही कहना है. उमा भारती का कहना है कि प्रधानमंत्री ने नोटबंदी करके कार्ल मार्क्स की विचारधारा को आगे बढ़ाया है इसलिए पूरी दुनिया के वामपंथियों को मोदी जी का अभिनंदन करना चाहिए.
अंग्रेजी अखबार ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में उमा भारती ने कहा, ‘ये मार्क्सवादियों का एजेंडा है, जो पीएम लागू कर रहे हैं. जो कभी लोहिया ने कहा, कभी कांशी राम ने कहा, बल्कि सही में मार्क्स ने जो कहा, ‘प्रधानमंत्री वही लागू कर रहे हैं. इसलिए पूरी दुनिया के वामपंथियों को मोदी जी का अभिनंदन करना चाहिए.’
उमा भारती ने कहा, ‘कार्ल मार्क्स ने हमेशा कहा था कि समानता होनी चाहिए और किसी तरह की असमानता नहीं रहनी चाहिए. अगर एक व्यक्ति के पास 12 कमरों वाला घर है, और कहीं और एक ही कमरे में 12 लोग रह रहे हैं, तो ऐसी असमानता कतई स्वीकार नहीं होगी. प्रधानमंत्री बिल्कुल वही कर रहे हैं. वे अमीर और गरीब के बीच की दूरी को कम कर रहे हैं.’
उमा भारती ने प्रधानमंत्री की खुलकर तारीफ करते हुए कहा, ‘मोदी जी महानायक हैं. बल्कि मैं तो ये कहूंगी कि एक योगी है, जो महानायक के रूप में बदल गया है. भारत को इस समय इसी व्यक्ति की जरूरत थी.’ उन्होंने कहा, ‘पीएम तीन बदलाव लेकर आए हैं. उन्होंने भारतीय राजनीति में विकास को एजेंडा बना दिया है. उन्होंने गरीबों के कल्याण के लिए ऊंचे दर्जे की तकनीक का इस्तेमाल किया और तीसरे, व्यक्ति के रूप में महानायक हैं मोदी जी.
संपादक की टिप्पणी – ये देश के साथ कितना घिनौना मज़ाक है कि देश में पूंजीवादी एजेंडे को आगे बढ़ा रहे प्रधानमंत्री की ठेट पूजीवादी करकतों. पूंजीपतियों को सस्ता लोन मुहैया कराने के लिए पूरे देश को तकलीफ में डालने के कामों को नेता उसके उलट दिशा में उठाया हुआ कदम बताकर देश को भरमा रहे हैं. ये और कुछ नहीं क्रूर मज़ाक है.