नेपाल राष्ट्र बैंक (एनआरबी) ने भारत के 500 व 2000 के नये नोटों को ‘अनाधिकृत व अवैध’ बताया है. ऑनलाइनखबर डॉट कॉम के अनुसार, नेपाल राष्ट्र बैंक ने कहा कि भारत सरकार की ओर से जारी किए गए 500 व 2000 रुपए के ये नए मुद्रा नोट अभी नेपाल में वैध नहीं हैं. उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा करते हुए 2000 व 500 रुपए का नया नोट चलाने की घोषणा की. इसके बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नेपाल के व्यापारियों के नोट बदलने से इनकार कर दिया था. इसके बाद नेपाल की सरकार लगातार भारत सरकार से संपर्क कर रही थी. नेपाल में भारतीय रुपये चलाने की छूट खुद मोदी ने अपनी नेपाल यात्रा के दौरान दी थी.
भारतीय अधिकारियों ने नेपाल के व्यापारियों से की मुलाकात
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 500 और 1,000 रुपए के नोट पर पाबंदी को लेकर नेपाल में चिंता के बीच भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने विभिन्न आशंकाओं को दूर करने के लिए गुरुवार को नेपाली व्यापारियों के साथ बैठक की. भारत सरकार ने नेपाल राष्ट्र बैंक के उस प्रस्ताव पर सकारात्मक जवाब दिया है, जिसमें नेपाली नागरिकों के पास उपलब्ध पुराने 500 और 1,000 रुपए के नोट को नेपाल में बदलने की बात कही गई है. नेपाल के व्यपारियों के साथ अनौपचारिक बैठक के दौरान दूतावास के अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि भारत सरकार प्रत्येक नेपाली नागरिक को 25,000 रुपए तक पुराने नोट कानूनी बिलों के साथ बदलने की अनुमति देने को तैयार हो गई है.
एक प्रमुख कारोबारी ने दूतावास अधिकारी के हवाले से कहा कि हमने एनआरबी के तौर-तरीको को केंद्र सरकार के पास भेजा है और सकारात्मक जवाब मिला है. अधिकारी ने कहा कि हम जल्दी ही अपनी सरकार से निर्णय की उम्मीद कर रहे हैं.
नोटबंदी को लेकर भारत के संपर्क में नेपाल और भूटान
भारतीय विदेश मंत्रालय ने आज कहा कि भारत से बड़ी विकास सहायता पाने वाले दो पड़ोसी देश नेपाल और भूटान ने बड़े पुराने नोटों की नोटबंदी और उन्हें मिलने वाली वित्तीय सहायता पर उसके संभावित असर का मुद्दा भारत के सामने उठाया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि नेपाल राष्ट्र बैंक और रॉयल मोनेटरी ऑथोरिटी ऑफ भूटान वर्तमान प्रावधानों के तहत 500 और 1000 रुपए के उन पुराने नोटों के संग्रहण और जमा करने के सिलसिले में भारतीय रिजर्व बैंक के संपर्क में हैं जो इन दोनों देशों में केंद्रीय बैंकों, अन्य बैंकों, वित्तीय संस्थानों और आम लोगों के पास हैं.
उन्होंने कहा कि नेपाल और भूटान की सरकारों ने यह मामला उठाया है. सरकार इस मामले पर विचार कर रही है तथा आरबीआई नेपाल और भूटान के अपने समकक्षों के संपर्क में बना रहेगा. इस साल के बजट के अनुसार भारत ने भूटान के लिए 5490 करोड़ रुपए और नेपाल के लिए 300 करोड़ रुपए की धनराशि आवंटित की है.