हैदराबाद: गांव बसा नहीं लुटेरे पहले से मौजूद हैं. नोटबंदी के बाद जारी हुए 2000 हज़ार के नोटों को अभी 15 दिन भी पूरे नहीं हुए थे कि लोगों ने नकली नोट छापने भी शुरू कर दिए. पुलिस ने शनिवार को यहां नकली नोट छापने वाले के एक गिरोह का पर्दाफाश कर छह लोगों को गिरफ्तार किया. उनके कब्जे से बड़ी संख्या में जाली नोटों की खेप बरामद की गई है.
इनमें से दो हजार की जाली नोट 2,10,000 रुपए कीमत की रही. अन्य नकली नोट 100, 50, 20 तथा 10 रुपए के थे. जब्त की गई अन्य सामग्रियों में दो रंगीन जेरॉक्स मशीन तथा 50,000 रुपए नकद शामिल थे. इनकेपास से 2000 के 105 नोटों सहित 2,22,310 रुपए की नकली मुद्रा बरामद की गई.
पुलिस ने ये कार्रवाई इब्राहिमपत्तनम इलाके में की. यह हैदराबाद से करीब 35 किमी दूर रचाकोंडा में स्थित है. नोटबंदी के बाद 2,000 रुपए के नोट इसी महीने जारी किए गए.
रचाकोंडा पुलिस आयुक्त महेश भागवत ने बताया, गिरोह ने पहले छोटे नोट छापकर बाजार में खपाया. इसमें सफल होने पर आरोपियों ने 2,000 रुपए के नोट भी छापने शुरू किए. जमालपुर साईनाथ (28) इस गिरोह का सरगना है. वह पेशे से कसाई है.
उसने जी अंजैया, एस रमेश, सी सत्यनारायण, के श्रीधर गौड़ तथा ए विजय कुमार के साथ मिलकर नकली नोटों का धंधा शुरू किया. कल्याण और श्रीकांत नामक दो अन्य आरोपी अभी फरार हैं.