नोटबंदी का असर अब सीधे लोगों के पेट पर पड़ने लगा है. लोगों के पास खाना नहीं है और बड़ी संख्या में लोग गुरुद्वारों के लंगर में जाकर खाना खा रहे हैं. जी हां ये खाली बातें नहीं हैं बल्कि तथ्य है.आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक चाँदनी चौक के शीशगंज गुरुद्वारा में नोटबंदी के बाद आटे की खपत दो गुना हो गई है. और तो और दाल और सब्जी की खपत पहले के मुताबिक ज्यादा हो रही है. इस चैनल ने शीश गंज गुरूद्वारे के रसोई घर का दौरा किया और यहाँ के प्रबंधक से बातचीत की तो पता चला कि लंगर खाने वालों की संख्या नोटबंदी के ऐलान के बाद तेज़ी से बढ़ी है.
चैनल ने गुरुद्वारा शीशगंज के प्रबंधक मुख़्तियार सिंह के हवाले से बताया कि “सराय में ठहरने वाले लोग पुराने नोट न चलने की शिकायत करते हैं. जो यात्री बाहर से आ रहे हैं उन्हें परेशानी आ रही है. उन्हें पता है कि गुरुद्वारे में लंगर मिलेगा और नोटबंदी के बाद खपत दोगुने से बढ़ गयी है.”
शीशगंज गुरूद्वारे में रसोईघर के सुपरवाइजर गुरुदेव ने बताया कि “नोटबंदी से पहले 6 क्विंटल आटा इस्तेमाल होता था जो अब 14 क्विंटल तक पहुँच गया है. सब्जी का बजट भी दुगना हो गया है. लंगर 24 घंटे खुला रहता है इस वजह से लोग लगातार आते हैं.”
गुरुद्वारा में इंतजाम देखने वाले लोगों के मुताबिक शीशगंज गुरूद्वारे में भीड़ बढ़ने की एक वजह आसपास रेलवे स्टेशन, चाँदनी चौक का बाज़ार, लाल किला भी है. कैश न होने की वजह से लोग खाना खाने के लिए गुरूद्वारे में लंगर करने चले आते हैं. कभी कभी खाना कम पड़ने पर दिल्ली के बड़े गुरुद्वारों से खाना मंगाना पड़ जाता है.