नोटंबंदी पर काला धन सफेद करने के आरोपों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के सभी सांसदों और विधायकों से अपने बैंक अकाउंट के विवरण जमा करने को कहा है. मकसद है पार्टी की छवि को कालेधन के आरोपों से मुक्त रखना. लेकिन इस बीच सबसे रोचक है मोदी के आदेश में दी गई तारीखें.
इस आदेश में सांसदों और विधायकों से 8 नवंबर के बाद बैंकों में जमा किए गए धन का हिसाब मांगा गया है. ये अलग बात है कि बीजेपी पर आरोप इस तारीख से पहले घपला करने के लगे हैं. आपको याद होगा कि बीजेपी पर आरोप लगाया गया था कि नोटबंदी से पहले उसने अपने लोगों को जानकारी दे दी थी जिसका फायदा उठाकर लोगों ने सारा कालाधन सफेद कर लिया. इस मामले में कई दस्तावेज भी सामने आए थे.
कोलकाता के एक बैंक की ब्रांच में बीजेपी ने बड़ी रकम जमा की थी. इसके अलावा बीजेपी ने बड़ी संख्या में धन जमा किया था. दोनों खबरें सबूत के साथ इसी साइट knockingnews.com पर प्रकाशित किए गए थे.
एक जनवरी को सभी विधायकों और सांसदों को ये विवरण जमा करने हैं.
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के अपने फैसले के मद्देनज़र अपने विधायकों-सांसदों को ये निर्देश दिए हैं.
प्रधानमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी की संसदीय दल की बैठक में स्पष्ट किया कि इनकम टैक्स संशोधन बिल का उद्देश्य काले धन को सफेद करना नहीं बल्कि गरीबों से लूटे गए धन को उनके हित में लगाना है.
नोटबंदी के नए फैसले के कारण पुराने इनकम टैक्स बिल में संशोधन किए जाने की ज़रूरत है.