नई दिल्ल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने सभी सांसदों और विधायकों से कहा है कि वो 8 नवंबर के बाद बैंकों में जमा की गई रकम का ब्यौरा दें. लेकिन विपक्षी पार्टियां मांग कर रही हैं कि खाते नोटबंदी से पहले यानी 8 नवंबर से पहले के लेन देन के खोले जाएं. अब हम आपको बताते हैं कि अगर पुराने खाते खोले गए तो क्या होगा.
सबसे पहले बात करते हैं बीजेपी द्वारा की गई अंधाधुंध ज़मीन खरीदी की. हाल ही में बीजेपी ने बिहार में बड़ी संख्या मे ज़मीन खरीद की . बीजेपी का दावा था कि उसने ज़मीन का भुगतान RTGS के ज़रिए किया था. लेकिन स्थानीय वैबसाइट डेली बिहार न्यूज़ ने कुछ दस्तावेज पेश किए हैं इन दस्तावेजों से खुलासा होता है कि इन जिलों में ज़मीन का भुगतान नकद किया गया.
वेबसाइट ने खरीद का पूरा ब्यौरा दिया है.
अररिया- 495000/ रू डीड न0- 10141, तारीख 20.9.2016
अरवल- 2507000/ रू डीड न0- 3957 तारीख 19.09.2016
अरवल-798000/ रू डीड न0- 2955 तारीख 19.09.2016
बगहा- 6600000/ रू डीड न0- 6993 तारीख 5.10.2016
कैमूर- 4875000/ रू डीड न0- 5608 तारीख 7.9.2016
शेखपुरा- 490000/ रू डीड न0- 10451 तारीख 13.10.2016
सीतामढ़ी- 1780000/ रू डीड न0- 7368 तारीख 18.10.2016
वैसे जिले जिनके भुगतान की प्रक्रिया यथा चेक, नगद, बैंक ड्राफ्ट के द्वारा की चर्चा दस्तावेज में नहीं की गई है यानी ये पता लगाना मुश्किल है कि भुगतान कैसे हुआ
औरंगाबाद- 8410000/ रू डीड न0- 11035 तारीख 3.9.2016
लखीसराय- 6013000/ रू डीड न0- 3587 तारीख 6.9.2016
मधेपुरा- 4900000/ रू डीड न0- 7874 तारीख 14.9.2016
मुजफ्फरपुर- 7500000/ रू डीड न0- 8737 तारीख 4.5.2016
सहरसा- 4300000/ रू डीड न0 – 7662 तारीख 10.8.2016
सारण- 4890000/ रू डीड न0- 5443 तारीख 9.6.2016
शेखपुरा- 1980000/ रू डीड न0- 5647 दिनांक 8.9.2016
सीवान- 520000/ रू डीड न0- 10037 तारीख 30.9.2016
सीवान- 3300000/ रू डीड न0 – 9585 तारीख 20.9.2016
सुपौल- 6620000/ रू डीड न0- 2529 तारीख 22.04.2016
तमाम दस्तावेजों में क्रेता के रुप में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष 11 अशोका रोड नई दिल्ली का नाम पता दर्ज है लेकिन डीड न0 10451, तारीख 13.10.2016. में क्रेता का नाम लालबाबू प्रसाद, पिता स्वर्गीय पासपथ प्रसाद, मौजा शिकारपुर, वार्ड न0 14, मुहल्ला देवी स्थान, थाना शिकारपुर, जिला पश्चिम चंपारण दर्ज है.
इस सेल डीड में लालबाबू प्रसासद का फोटो एवं सभी उंगलियों के निशान भी दर्ज है
इससे यह स्पष्ट होता है कि कार्यालय के लिए जमीन बीजेपी के नाम से खरीदी जानी थी लेकिन यहां पर लालबाबू प्रसाद के नाम पर खरीदा गया- क्या यह फर्जीवाड़ा है?
पैन नंबर में विभिन्नता से गड़बड़ी के संकेत
माननीय दिलीप जायसवाल- PAN- AAABB0157 F जो बीजेपी का पैन नं है जिसका जिक्र डीड न0 4761 तारीख 16.4.2016 बांका में दर्ज है
तो फिर क्रेता के रुप में माननीय दिलीप जायसवाल का निजी पैन न0 पैन नंबर AACDPJ77785
डीड न0 11279 भागलपुर 28.9.2016 के रुप में दर्ज है
डीड न0 13618 तारीख 16.9.2016 कटिहार में भी पैन नंबर AACDPJ77785 दर्ज है
डीड न0 3587 तारीख 6.9.2016 लखीसराय में भी पैन नंबर AACDPJ77785 दर्ज है
डीड न0 7662 तारीख 10.8.2016 सहरसा में भी पैन नंबर AACDPJ77785 दर्ज है
वाह रे भाजपा…. चार सेल डीड में माननीय दिलीप जायसवाल का निजी पैन नं एवं एक सेल डीड में बीजेपी का पैन न. दर्ज कराया गया है, अब सवाल उठता है कि इसके पीछे मंशा क्या है? पार्टी की संपति की खरीदी में अपना पैन न0 का ज्यादा इस्तेमाल किया है
बीजेपी ने 16.2.2016 को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बिहार भाजपा को अधिकृत किया लेकिन भाजपा ने 31 विक्रय पत्रों में केवल 11 विक्रय पत्रों में राष्ट्रीय अध्यक्ष का अधिकृत पत्र संलग्न किया, शेष 20 विक्रय पत्रों में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी के अधिकृत पत्र को संलग्न करना मुनासिब नहीं समझा- पारदर्शिता का अनोखा नमूना
तो पूरे बिहार में 31 विक्रय पत्र में केवल डीड न0 4653 तारीख 8.4.2016 बांका
डीड न0 11279 तारीख 28.9.2016 भागलपुर
डीड न0 5608 तारीख 7.9.2016 कैमूर
डीड न0 13618 तारीख 16.09.2016 कटिहार
डीड न0 6093 तारीख 20.9.2016 किशनगंज
डीड न0 6018 तारीख 19.9.2016 किशनगंज
डीड न0 7874 तारीख 14.9.2016 मधेपुरा
डीड न0 5863 तारीख 27.5.2016 पूर्णिया सदर
डीड न0 7662 तारीख 10.8.2016 सहरसा
डीड न0 7368 तारीख 18.10.2016 सीतामढ़ी
डीड न0 7854 तारीख 7.10.2016 सीतामढ़ी
सवाल कायम
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी की संपति खरीदने के लिए अधिकृत पत्र तो दिया लेकिन
- दिल्ली के किस बैंक खाते से पैसा बिहार भेजा गया?
- बिहार में किस खाते में जमीन खरीदी के लिए पैसा आया?
- बिहार के विभिन्न जिलों में जमीन खरीदी के लिए पैसा किस बैंक खाते में भेजा गया?
- भाजपा के लिए जमीन खरीदनी थी तो पश्चिम चंपारण में व्यक्तिगत जमीन की खरीदी क्यों की गई?
- बिहार में पार्टी की संपति खरीदने के लिए इतना बड़ा निवेश हुआ तो इसका आर्थिक स्त्रोत क्या है?