सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय गान, यानी ‘जन गण मन’ से जुड़े एक अहम आदेश में बुधवार को कहा कि सिनेमाहॉलों में राष्ट्रीय गान बजने के समय सभी दर्शकों को उसके सम्मान में खड़ा होना होगा, हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि सिनेमा में ड्रामा क्रिएट करने के लिए राष्ट्रीय गान का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय गान बजते समय सिनेमाहॉल के पर्दे पर राष्ट्रीय ध्वज दिखाया जाना भी अनिवार्य होगा.
जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि राष्ट्र गान का सम्मान करना हर भारतीय का दायित्व है. हर किसी को इसके सम्मान में खड़ा होना ही चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ़ किया है की राष्ट्र गान के नाटकीयकरण नहीं किया जा सकता.
जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा ” समय आ गया है जब लोग महसूस करे कि ये मेरा अपना देश है. और राष्ट्र गान के सम्मान में कोई भी खड़े होने से इंकार नहीं कर सकता. ”
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि देश के सभी सिनेमाघरों मे फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रीय गान बजाना अनिवार्य करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश को निर्देश जारी करे. इसके साथ ही जब सिनेमा हाल में राष्ट्रीय गान बजाय जाये तो स्क्रीन पर तिरंगा झंडा दिखाना होगा. कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से कहा की इस अंतरिम आदेश को केंद्र सरकार 10 दिन में लागू कराने का प्रबंध करे.
कोर्ट ने कहा की हर नागरिक का ये दायित्व है की जब तक वो इस देश में है उसे राष्ट्रीय गान के सम्मान में खड़ा होना ही होगा. केंद्र सरकार इस बात के प्रचार के लिए प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की मदद ले.
जस्टिस दीपक मिश्रा ने टिपण्णी करते हुए कह” राष्ट्र गान हमारी राष्ट्रिय एकता, राष्ट्र की पहचान और साथ ही संविधान के प्रति का वफादारी से भी जुडा है.”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा “”कि आप कौन हैं? अगर आप भारतीय हैं तो आपको राष्ट्रीय गान के सम्मान में खड़े होने में तकलीफ नहीं होनी चाहिये. लोगों को इस बात का अहसास कराया जाना चाहिये कि ये मेरा देश है और ये मेरी मातृभूमि है. यह हर भारतीय नागरिक का दायित्व है कि वो भारतीय झंडे और राष्ट्रीय गान का सम्मान करे. ”
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि राष्ट्र गान को संविधान की व्याख्या के अनुसार केवल 52 सेकंड में ही गाया जाये, इससे कम या ज्यादा समय में नहीं. कोई भी राष्ट्रीय गान का प्रयोग अपने लाभ के लिए न करे. राष्ट्रीय गान के नाटकीय रूपांतरण पर पूरी तरह से सरकार रोक लगाए.
याचिका मध्य प्रदेश के एक सामाजिक कार्यकर्त्ता श्याम नारायण चोक्से ने डाली है. इस मामले में अगली सुनवाई फ़रवरी 2017 में होगी.