बंगाल में गुपचुप सेना तैनात करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. केन्द्र सरकार ने बिना किसी जनकारी के कोलकाता के अहम इलाकों में आर्मी तैनात कर दी थी इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जबरदस्त नाराज़गी जताई है. गुरुवार देर रात कोलकाता के कुछ इलाकों में सेना की तैनाती की गई थी. ममता के नाराजगी के बाद राज्य सचिवालय नबन्ना के पास स्थित टोल प्लाजा से सैन्य कर्मियों को हटा लिया गया. इसके अलावा हुगली पुल के टोल प्लाजा के नजदीक बने एक अस्थायी शेड को भी हटा दिया गया है. इससे पहले टीएमसी ने ममता बनर्जी की सुरक्षा को लेकर गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में जम कर हंगामा किया. आपको बता दें कि कोलकाता स्थित एनएससीबीआई हवाईअड्डे पर बुधवार रात निजी एयरलाइन कंपनी का एक विमान आधे घंटे से अधिक समय तक शहर के आसमान में चक्कर लगाता रहा जिसमें ममता थीं. इस पर टीएमसी ने आरोप लगाया कि यह पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी को मारने का एक षड्यंत्र था.
पूरा मामला
गुरुवार देर रात ममता बनर्जी ने ट्वीट कर बताया है कि बंगाल राज्य सचिवालय के बाहर सेना तैनात कर दी गई है. ममता बनर्जी ने ट्वीट में कहा, ‘पुलिस के विरोध के बावजूद अति सुरक्षित इलाके में सेना भेजना दुर्भाग्यपूर्ण है.” उन्होंने धमकी दी कि जब तक सेना को टोल प्लाजा से नहीं हटाया जाता, वो सचिवालय में ही डेरा जमाए रहेंगी.
उन्होंने जानना चाहा, क्या यह संघीय व्यवस्था पर हमला है नहीं है? हम केन्द्रीय मुख्य सचिव को पत्र लिख रहे हैं. इस मुद्दे को लेकर मैं राष्ट्रपति से बात करूंगी. मुख्यमंत्री ने कहा, सेना हमारी संपत्ति है. हमें उनपर गर्व है. हमें बड़ी आपदाओं और सांप्रदायिक तनाव के दौरान सेना की जरूरत होती है. ममता ने दावा किया कि टोल प्लाजा पर सेना तैनात होने के कारण लोगों में अफरा-तफरी है.
‘आपातकाल जैसे हालात’
ममता ने इसे आपातकाल जैसे हालात बताया. उन्होंने कहा, ‘जब देश में इमरजेंसी लगाई जाती है तो केंद्र सरकार राज्यों की कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में ले लेता है. राष्ट्रपति इमरजेंसी की घोषणा करते हैं. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है. केंद्र सरकार ने सेना की जीप तैनात करने से पहले राज्य को अपने विश्वास में नहीं लिया है.’
सेना ने कहा- नियमित अभ्यास
ममता के ट्वीट के बाद सेना ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल पुलिस की पूरी जानकारी और सहयोग के साथ नियमित अभ्यास कर रही है. यह अटकल गलत है कि सेना टोल प्लाजा का नियंत्रण ले रही है. हालांकि कोलकाता पुलिस का कहना है कि उसने सेना के इस अभ्यास पर सुरक्षा कारणों और यातायात समस्या की वजह से आपत्ति जताई थी. सेना के पूर्वी कमान ने ट्वीट करके बताया कि उत्तर-पूर्व के सभी राज्यों में सेना टोल नाकों पर गाड़ियों की पूछताछ की रूटीन कार्रवाई कर रही है.
ट्वीट में आगे लिखा गया है कि असम में 18 जगहों पर, अरुणाचल में 13, पश्चिम बंगाल में 19, मणिपुर में 6, मेघालय में 5 और त्रिपुरा और मिजोरम में एक-एक जगहों पर सेना गाड़ियों की जांच कर रही है. सेना के इस दावे को खारिज करते हुए ममता ने कहा कि प्रदेश सरकार की अनुमति लिए बगैर राज्य के ज्यादातर इलाकों में सेना तैनात की गई है.
उन्होंने फिर ट्वीट किया है, ‘ईस्टर्न कमांड ने पूरी तरह गलत और ध्यान बंटाने वाले तथ्य दिए हैं. हम आपका पूरा सम्मान करते हैं, लेकिन कृपया लोगों को गुमराह न करें.” उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, दार्जीलिंग, बैरकपुर, उत्तरी 24 परगना, हावड़ा, हुगली, मुर्शिदाबाद और बर्दवान जिलों में भी सेना तैनात की गई है. inputs from-hindustan