नई दिल्ली: कैशलैस इकोनॉमी की बात होते ही लोगों के दिमाग में पेटीएम और डेविटकार्ड का नाम आता है. लेकिन हो सकता है कि आने वाले समय में ये दोनों ही चीजें बीते वक्त की बात हो जाए. सरकार के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक जल्द ही सरकार आधार कार्ड को ही पेमेंट का आधार बना सकती है. यानी आपके 12 नंबर वाले आधार कार्ड के जरिए सारा भुगतान हो जाएगा. इसमें कोई फ्रॉड करके पैसे भी ले लेगा तो भी उसे पकड़ना आसान होगा क्योंकि पैसे आधार कार्ड में ही जाएंगे. सरकार अभी इसकी संभावना पर काम कर रही है.
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकार (यूआईडीएआई) की योजना आधार के जरिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन क्षमता को बढाकर 40 करोड़ प्रतिदिन करना है. यदि ऐसा हो पाया तो सरकार कैशलेस समाज के लक्ष्य को हासिल करने में इस प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल को बढावा दिया जा सके. यूआईडीएआई के मुख्य कार्याधिकारी अजय भूषण पांडे ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यूआईडीएआई अपनी बायोमेट्रिक जानकारी के प्रमाणन की क्षमता को बढ़ाकर 40 करोड़ प्रतिदिन करेगा.
उन्होंने कहा,‘हम लेनदेन के इस तरीके बारे में जागरुकता फैलाएंगे. हम अपनी प्रमाणन क्षमता को बढ़ाकर 40 करोड़ करेंगे. बुधवार को 1.31 करोड़ आधार आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणन किए गए.’ नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने इस बाबत बताया कि सरकार कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने और नकदी में सौदों को हतोत्साहित करने की दिशा में काम कर रही है.
बता दें कि 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपए के नोटों को अमान्य घोषित कर दिया था. इसके बाद से सरकार द्वारा कैशलेस इकॉनमी की ओर जाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं.