नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के बाद अब घर में सोना रखने की सीमा भी तय कर दी है. हर विवाहित महिला को 500 ग्राम, अविवाहित महिला को 250 ग्राम और पुरुषों को 100 ग्राम सोना रखने की छूट है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि जब इनकम टैक्स वाला आएगा तो आप कैसे साबित करोगे कि कौनसा सोना खानदानी है और कौनसा आपका खरीदा गया. आपको पता होगा कि वित्त मंत्रालय ने एक बयान जारी कर साफ किया है. इस बयान के बाद काफी लोगों ने राहत की सांस ली थी लेकिन सच ये है कि आपका पुश्तैनी सोना भी सेफ नहीं है. क्योंकि सोना पुश्तैनी साबित करने के लिए आपको चाहिए ये सबूत. कानून जानने के लिए ये पढ़ें.
- यदि आपके पास पुश्तैनी सोना गहने या किसी अन्य रूप में है तो उसका खुलासा आपने 2014-15 तक के संपत्ति कर में किया गया होना चाहिए तो ही वह सोना वैध माना जाएगा. आपके पास उसकी टैक्स रसीद भी होनी चाहिए.
- आपके पास सबूत के तौर पर एक वसीयत होनी चाहिए जिसमें सोने का जिक्र हो. आपके पुरखों ने जो वसीयत आपके नाम लिखी है वह पुश्तैनी गहनों की प्रमाणिकता के लिए काफी है.
- अगर किसी ने गिफ्ट के तौर पर आपको सोना या गहना दिया है, तो खरीददार के नाम की रसीद आपके नाम होनी चाहिए जिस व्यक्ित ने आपके लिए सोना खरीदा है उसे दुकानदार रिसीविंग देगा, उस रसीद की मूल कॉपी या फोटोकॉपी भी अपने पास रखनी होगी.
- अगर आपने पुश्तैनी गहनों या सोने का टैक्स नहीं दिया है. तो उसकी मूल्यांकन रिपोर्ट देनी पड़ेगी इसके साथ ही अगर गहने को तोड़कर फिर से बनवाया गया है, तो इसकी रसीद अपने पास जरूर होनी चाहिए.
- पुराने और नए सोने में काफी अंतर होता है. ऐसे में आप पुराने गहनों या सोने की फोटो खींचकर अपने पास रख सकते हैं. लेकिन इसे इनकम टैक्स का अफसर मानेगा ये ज़रूरी नहीं.
- आपने यदि अपने घर का इंश्योरेंस करवाया है और साथ में सोने का भी, तो इंश्योरेंस पेपर को सबूत के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि इंश्योरेंस पेपर में आपके घर के साथ-साथ यदि आपने गोल्ड का जिक्र भी किया है तो उसका विवरण पेपर पर लिखा होगा.
- अगर पुश्तैनी सोने या गहनों को कभी गिरवी रखा गया है, तो वह उसकी रसीद को प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.